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सुप्रीम कोर्ट में पुलिसकर्मियों की याचिका खारिज, PPE किट व वेतन कटौती न किए जाने की थी मांग

पुलिसकर्मियों को भी पीपीई किट मुहैया कराने और उनके वेतन में कोई कटौती न किए जाने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 12:43 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 12:43 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में पुलिसकर्मियों की याचिका खारिज,  PPE किट व वेतन कटौती न किए जाने की थी मांग
सुप्रीम कोर्ट में पुलिसकर्मियों की याचिका खारिज, PPE किट व वेतन कटौती न किए जाने की थी मांग

 नई दिल्‍ली, माला दीक्षित। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पुलिसकर्मियों को भी पीपीई किट मुहैया कराने और उनके वेतन में कोई कटौती न किए जाने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका की सुनवाई वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समय सभी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। यह सरकार के नीतिगत मसले हैं उस पर कोई सुपर गवर्नमेंट नहीं हो सकती।

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यह याचिका रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर भानुप्रताप बर्गे ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल की थी। याचिका में मौजूदा महामारी के संकट से लड़ रहे पुलिस के जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर पीपीई किट की मांग की गई थी साथ ही उनके वेतन में कटौती न करने का मुद्दा उठाया गया था। साथ ही इन जवानों को प्रोत्साहित करने के लिए बोनस के रूप में प्रोत्साहन राशि की भी मांग की गई।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस महामारी के दौरान देश संकट का सामना कर रहा है और यह मामला पॉलिसी से जुड़ा है इसलिए इस मामले में कोर्ट आदेश पारित नहीं कर सकता। इस याचिका को व्‍यर्थ बताते हुए कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया और कहा कि आजकल हर कोई कोरोना विशेषज्ञ बनने के प्रयास में है। लोग इस तरह की व्‍यर्थ याचिकाएं दायर कर रहे हैं। 

याचिकाकर्ता पुलिस अधिकारी की ओर से उनके वकील ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पैदा खतरे से लड़ रहे पुलिस के जवानों को पीपीई किट मुहैया नहीं कराया जा रहा और तो और कुछ राज्यों में पुलिसकर्मियों के वेतन में कटौती की जा रही। कोर्ट के पूछने पर वकील ने उन राज्‍यों के नाम भी बताए जहां वेतन में कटौती हुई है। ये राज्‍य हैं राजस्थान, ओडिशा और तेलंगाना। मामले की सुनवाई से इनकार करते हुए कोर्ट ने इसे पॉलिसी से जुड़ा मामला बताया और कहा कि इसपर केवल सरकार को सुझाव दिया जा सकता है। बेहतर होगा कि संबंधित विभाग में जाकर बात करें।


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