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    Police चौकी और थाने में क्या है अंतर, चौकी में भी दर्ज होती है FIR? जानिए पुलिस से जुड़े हर सवालों के जवाब

    Updated: Sat, 22 Feb 2025 05:26 PM (IST)

    Police News किसी भी राज्य में क्राइम का जिक्र होते ही सबको पुलिस की याद आ जाती है। इलाके में सुरक्षा बनी रहे इसके लिए पुलिस स्टेशन होता है। क्षेत्र में पुलिस चौकी भी होती है। आखिर इन दोनों में क्या अंतर है। थाने में सबसे बड़ा अधिकारी कौन होता है। क्या पुलिस चौकी पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है? आइए पुलिस से जुड़े सवालों के जवाब जानते हैं...

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    Police News पुलिस महकमे से जुड़े हर सवाल का जवाब पाएं। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Police News किसी भी राज्य में क्राइम को कंट्रोल करने का जिम्मा पुलिस का होता है। चाहे छोटी सी चोरी हो या कोई बड़ी मर्डर मिस्ट्री, ऐसे सभी केस में पुलिस विभाग (Police Department) का रोल अहम होता है।

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    पुलिस विभाग का मुख्य काम पुलिस थाने (Police Station) में होता है। हर इलाके में पुलिस चौकी भी होती है। 

    आखिर इन दोनों में क्या अंतर है। इनमें कौन से अधिकारी काम करते हैं और थाने में सबसे बड़ा अधिकारी कौन होता है। क्या पुलिस चौकी पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है? आइए पुलिस से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं...

    चौकी और थाने में क्या अंतर है?

    • चौकी और थाने में मुख्य अंतर यह है कि चौकी एक छोटी इकाई होती है जो एक विशिष्ट क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होती है।
    • दूसरी ओर थाना एक बड़ी इकाई होती है जो कई चौकियों को नियंत्रित करती है और एक व्यापक क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होती है।

    पुलिस चौकी का क्या अर्थ है?

    पुलिस चौकी का अर्थ एक छोटी पुलिस इकाई है जो एक क्षेत्र में क्राइम को कंट्रोल करने का काम करती है। 

    क्या पुलिस चौकी पर FIR दर्ज की जा सकती है?

    पुलिस चौकी पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है, लेकिन यह थाने के अधिकार क्षेत्र में आता है।

    पुलिस चौकी का इंचार्ज कौन होता है?

    पुलिस चौकी का इंचार्ज आमतौर पर एक सब-इंस्पेक्टर या एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर होता है। 

    चौकी कितने प्रकार की होती है?

    चौकी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है: ग्रामीण चौकी और शहरी चौकी।

    थाना में सबसे बड़ा कौन होता है?

    थाने में सबसे बड़ा अधिकारी थाना प्रभारी (SO) या स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) होता है। एसएचओ थाने के सभी पुलिस कर्मियों का प्रभारी होता है और थाने के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होता है।

    SO और SHO में क्या अंतर है?

    एसओ और एसएचओ में मुख्य अंतर यह है कि एसओ एक सर्कल का प्रभारी होता है, जबकि एसएचओ एक थाने का प्रभारी होता है।

    Si का क्या काम होता है?

    एसआई (सब-इंस्पेक्टर) का काम एक पुलिस स्टेशन में कानून-व्यवस्था बनाए रखना होता है। एसआई ये कार्य करता है। 

    • पुलिस स्टेशन में कानून और व्यवस्था बनाए रखना
    • अपराधों की जांच करना
    • आरोपियों को गिरफ्तार करना
    • पुलिस स्टेशन में आने वाले लोगों की समस्याओं का समाधान करना

    IPS में सबसे बड़ा पद कौन सा होता है?

    आईपीएस में सबसे बड़ा पद डीजीपी (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) होता है, जो राज्य के पुलिस बल का प्रमुख होता है। पुलिस में सबसे ऊंचा पद भी डीजीपी होता है।

    एक जिले में कितने CO होते हैं?

    एक जिले में कई सीओ (सर्कल ऑफिसर) हो सकते हैं, जो जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

    SP का मतलब क्या होता है?

    एसपी का मतलब सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस होता है, जो जिले के पुलिस बल का प्रमुख होता है। एसपी से बड़ा आईजी (इंस्पेक्टर जनरल) होता है, जो कई जिलों के पुलिस बल का प्रमुख होता है।

    CO का क्या काम होता है?

    सीओ का काम जिले के एक विशिष्ट क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखना होता है। सीओ को आमतौर पर एक डीएसपी (डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस) के रूप में नियुक्त किया जाता है।

    3 स्टार वाला पुलिस कौन होता है?

    तीन स्टार वाला पुलिस अधिकारी आईजी होता है, जो कई जिलों के पुलिस बल का प्रमुख होता है।

    Police में सबसे छोटा पद किसका होता है?

    पुलिस में सबसे छोटा पद कांस्टेबल का होता है। एक इलाके में कई कांस्टेबल होते हैं।

    एक पुलिस स्टेशन में कितने कर्मी होते हैं?

    एक स्टेशन में कई पुलिसकर्मी हो सकते हैं, जिनमें एसएचओ, एसआई, एएसआई, हेड कांस्टेबल, और कांस्टेबल शामिल हो सकते हैं।

    पुलिस में कितने पद होते हैं?

    पुलिस में आमतौर पर 16 पद होते हैं।

    1. कांस्टेबल
    2. हेड कांस्टेबल
    3. असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (एएसआई)
    4. सब-इंस्पेक्टर (एसआई)
    5. इंस्पेक्टर
    6. डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी)
    7. असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी)
    8. डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी)
    9. एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (एडीसीपी)
    10. स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (एससीपी)
    11. पुलिस कमिश्नर
    12. एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एडीजी)
    13. डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी)
    14. एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एडीजी)
    15. स्पेशल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (एसडीजी)
    16. डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी)

    क्या कोई भी पुलिस की वर्दी पहन सकता?

    पुलिस खाकी रंग की वर्दी पहनती है और यही इसकी पहचान होती है। पुलिस की वर्दी कोई भी नहीं पहन सकता। इसे पहनने पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 205 के तहत केस हो सकता है, जो पुलिस की वर्दी के दुरुपयोग से संबंधित है।

    पुलिस की वर्दी में डोरी क्यों लगी होती है?

    पुलिस की वर्दी में डोरी का उपयोग पुलिस अधिकारियों के पद को दर्शाने के लिए किया जाता है। डोरी के रंग और डिजाइन पुलिस अधिकारी के पद और रैंक को दर्शाते हैं।