Move to Jagran APP

Manipur Violence: हिंसाग्रस्त मणिपुर में पुलिस कमांडो सहित चार और लोगों की मौत, किशोर की गोली मारकर हत्या

विष्णुपुर जिले के कांगवई इलाके में गुरुवार और शुक्रवार की मध्य रात्रि में दो समूहों के बीच झड़प हुई थी जिसमें मणिपुर पुलिस के एक कमांडो और एक किशोर सहित चार लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि दोनों समुदायों को हिंसा करने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा बफर जोन बनाया गया। हालांकि इसके बावजूद भी इलाके में रात के दौरान गोलीबारी हुई।

By Sonu GuptaEdited By: Sonu GuptaPublished: Fri, 07 Jul 2023 11:02 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jul 2023 11:02 PM (IST)
हिंसाग्रस्त मणिपुर में पुलिस कमांडो सहित चार और लोगों की मौत। फाइल फोटो।

इंफाल, पीटीआई। मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि  विष्णुपुर जिले के कांगवई इलाके में गुरुवार और शुक्रवार की मध्य रात्रि में दो समूहों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें मणिपुर पुलिस के एक कमांडो और एक किशोर सहित चार लोगों की मौत हो गई है।

loksabha election banner

सुरक्षा बलों के बफर जोन के बावजूद हुई गोलीबारी

उन्होंने बताया कि दोनों समुदायों को हिंसा करने से रोकने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा बफर जोन बनाया गया। हालांकि, इसके बावजूद भी इलाके में रात के दौरान गोलीबारी हुई। उन्होंने आगे कहा कि कल रात कई लोगों की भीड़ पहाड़ी से नीचे आई और कुछ गांवों को जलाने का प्रयास किया। भीड़ पहले गांव के बाहर इकट्ठा हुई, लेकिन स्थानीय लोगों के वापस जाने के अनुरोध के आगे भी नहीं झुकी। हालांकि, सुरक्षाबलों ने इस दौरान हिंसा करने वाले लोगों को जवाब दिया और किसी भी घर में आग लगाने से रोक लिया।

गोलीबारी में तीन लोगों की मौत

उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के लोगों ने कांगवई, सोंगडो और अवांग लेखई में एक दूसरे पर गोलीबारी की, जिसमें दोनों पक्षों के तीन लोगों की मौत हो गई और घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि कई इलाकों में रुक-रुक गोलीबारी हो रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान शुक्रवार देर शाम मणिपुर पुलिस के एक कमांडो की चोट लग गई, जिसके बाद में दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि फौबाकचाओ इलाके में एक किशोर की हत्या कर दी गई।

अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत

मालूम हो कि तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राज्य में हिंसा को नियंत्रित करने और सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए मणिपुर पुलिस के अलावा लगभग 40,000 केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम

इस बीच, मणिपुर के स्कूलों के बुधवार को दो महीने के बाद खुलने के बावजूद अभी वहां बच्चों की उपस्थिति बहुत कम है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित मां-बाप उन्हें अभी स्कूल भेजने में हिचक रहे हैं। दूसरी ओर, 65 दिनों से जारी हिंसा के बाद कांग्रेस, आप, वामपंथियों समेत दस विपक्षी दलों ने यहां एक शांति बैठक की है। इन लोगों ने राहुल गांधी के दो दिन के मणिपुर दौरे के लिए उनका आभार जताया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.