अब खत्म हो जाएगा पुराना सिस्टम... ITI कॉलेजों में बड़े बदलाव करने जा रही सरकार
केंद्र सरकार आईटीआई को आधुनिक बनाने के लिए पीएम-सेतु योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत 60 हजार करोड़ रुपये से एक हजार आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा तैयार इस योजना में उद्योगों की जरूरत के अनुसार कौशल विकास पर ध्यान दिया जाएगा जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। बदलते वक्त के साथ अप्रासंगिक होते गए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उपयोगी और परिणामजनक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। एक हजार आईटीआई को लक्षित कर प्रधानमंत्री स्किल एंड एम्प्लायबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन (पीएम-सेतु) के रूप में बदलाव की ऐसी रूपरेखा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने तैयार की है, जो भविष्य में देश की सभी आईटीआई का कायाकल्प करने की राह दिखा सकती है।
60 हजार करोड़ रुपये की इस योजना में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कौशल योजनाओं को उद्योगों की जरूरत के अनुरूप बनाने और युवाओं को रोजगारपरक कौशल से लैस करने के उद्देश्य से एक हजार हब और स्पोक आईटीआई में करीब 2500 नए पाठ्यक्रम शुरू करने और हजारों कोर्स को अपग्रेड करना प्रस्तावित है।
1000 सरकारी आईटीआई होंगे अपग्रेड
पीएम-सेतु योजना की शुरुआत गत दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की। इस केंद्रीय प्रायोजित योजना में केंद्र का हिस्सा 30,000 करोड़, राज्य का हिस्सा 20,000 करोड़ और उद्योग का हिस्सा 10,000 करोड़ रुपये होगा। पीएम-सेतु योजना में हब और स्पोक व्यवस्था के तहत 1000 सरकारी आईटीआई (200 हब और 800 स्पोक आईटीआई) को अपग्रेड किया जाएगा।
एक हब आईटीआई से औसतन चार स्पोक आईटीआई जुड़े होंगे और सभी अपग्रेड किए गए आईटीआई में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा, मशीनरी और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्रालय ने जो रूपरेखा बनाई है, उसके अनुसार हब आईटीआई में औसतन चार नए कोर्स शुरू किए जाएंगे और दस मौजूदा कोर्स को अपग्रेड किया जाएगा। इसी तरह स्पोक आईटीआई में औसतन दो नए कोर्स शुरू किए जाएंगे और आठ मौजूदा कोर्स को अपग्रेड किया जाएगा।
15 आईटीआई क्लस्टर किए चिन्हित
राज्य-केंद्र शासित प्रदेश इंडस्ट्री और इंडस्ट्री एसोसिएशन से परामर्श करके योजना के तहत अपग्रेड किए जाने वाले आईटीआई के हब और स्पोक क्लस्टर की पहचान की गई है। यह कुल 15 क्लस्टर सोनीपत, विशाखापट्टनम, बिजनौर व मेरठ, हरिद्वार, उज्जैन, बेंगलुरु अर्बन, भरतपुर, दरभंगा व पटना, होशियारपुर, हैदराबाद, संबलपुर, चेन्नई और गुवाहाटी में स्थित हैं। इनके अपग्रेडेशन के लिए उद्योग भागीदारों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे।
राज्य स्तर की एक स्टीयरिंग कमेटी उद्योग भागीदारों द्वारा जमा किए गए एसआईपी का मूल्यांकन करेगी और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) को अपनी सिफारिशें देगी। केंद्रीय स्तर पर एक नेशनल स्टीयरिंग कमेटी (एनएससी) स्टेट स्टीयरिंग कमेटी (एसएससी) द्वारा अनुशंसित एसआईपी की समीक्षा करेगी और अंतिम मंजूरी देगी।
एनएसटीआई के लिए तलाशे जाएंगे वैश्विक भागीदार
इसी योजना के तहत भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना एनएसटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। इन सभी पांच एनएसटीआई में वैश्विक भागीदारी के साथ कौशल विकास के लिए सेक्टर-स्पेसिफिक नेशनल सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे। इनमें से प्रत्येक में 20 दीर्घकालीन ट्रेड और 10 अल्पकालीन ट्रेड शुरू किया जाना प्रस्तावित है। 20-20 मौजूदा कोर्स को अपग्रेड किया जाएगा।
स्किलिंग में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए ग्लोबल पार्टनरशिप में पाठ्यक्रम डिजाइन, ट्रेनर का प्रशिक्षण, स्किल सर्टिफिकेशन फ्रेमवर्क और समय-समय पर समीक्षा शामिल होगी। सेक्टर और ग्लोबल पार्टनर की पहचान नेशनल स्टीयरिंग कमेटी (एनएससी) द्वारा की जाएगी।
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