Chandrayaan 2: छात्र ने कहा मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, पीएम मोदी ने दिया ये जवाब
Chandrayaan 2 के लैंडर Vikram की चंद्रमा पर लैंडिंग देखने पहुंचे छात्रों में से एक ने प्रधानमंत्री से कहा कि वह भविष्य में देश का राष्ट्रपति बनना चाहता है। पढ़ें पीएम मोदी का जवाब।
नई दिल्ली, एजेंसी। Chandrayaan 2: देश की नजरें चांद पर थीं। आधी रात के वक्त पूरा देश बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रहा था कि लैंडर विक्रम चांद की धरती को चूमेगा और देश झूमेगा, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। 6-7 सितंबर 2019 की रात 1.51 बजे इसरो का चंद्रयान-2 से संपर्क टूट गया। यह भारत के लिए ऐतिहासिक दिन था। चांद पर उतर रहे लैंडर विक्रम से भले ही संपर्क टूट गया, लेकिन सवा अरब भारतीयों की उम्मीदें नहीं टूटी हैं। दिल तोड़ देने वाली इस घटना के बाद पीएम मोदी ने निराश दिख रहे वैज्ञानिकों से कहा, 'उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, देश आप पर गर्व करता है, सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करें, हौसला रखें।'
इसी वक्त लैंडर विक्रम की लैंडिग देखने के लिए वहां मौजूद छात्रों के साथ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की और उनके सवालों का एक-एक कर जवाब दिया। इसी बातचीत के दौरान एक छात्रा ने प्रधानमंत्री से पूछ लिया कि जब नए क्विज होते हैं तो बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं, लेकिन देखा जाता है कि जब क्विज खत्म होता है तो उनका उत्साह खत्म हो जाता है। इस पर आप क्या राय देना चाहते हैं? पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'लक्ष्य हमेशा बड़ा रखना चाहिए और उसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांटना चाहिए। जो पाया है उसे जोड़ते रहना चाहिए और जो मिस किया उसे भूलते जाना चाहिए। नहीं तो उसी के बारे में सोचते रहोगे और निराशा घर कर जाएगी।'
इसी दौरान एक अन्य छात्र ने पीएम मोदी से कहा कि वो भविष्य में भारत का राष्ट्रपति बनना चाहता है। प्रधानमंत्री ने यह सुनते ही उसकी पीठ थपथपाई और कहा कि आप राष्ट्रपति ही क्यों प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनना चाहते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने जैसे ही यह शब्द कहे, वहां मौजूद सभी छात्र हंसने लगे। प्रधानमंत्री ने उस छात्र को ऑटोग्राफ भी दिया। बता दें कि भूटान से भी छात्र पीएम मोदी के साथ चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने आए थे। पीएम मोदी ने उनसे कहा, उम्मीद करता हूं कि आपने यहां नए दोस्त बनाए होंगे।
चंद्रयान-2 ने अपना ज्यादातर सफर सफलता के साथ पूरा किया। लैंडर विक्रम के चंद्रमा की तरफ बढ़ने के दौरान चंद्रमा की जमीन से सिर्फ 2.1 किमी ऊपर उससे संपर्क टूट जाने के बाद पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि वे हिम्मत न हारें। आईएसटीआरएसी के नियंत्रण कक्ष में उदास वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'आपने अभी तक जो किया है, वह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।' पीएम मोदी ने कहा, 'राष्ट्र आप पर गौरवान्वित है। आप सभी ने देश की सेवा की है और विज्ञान व मानव की एक महान सेवा की है। पूरी हिम्मत के साथ आगे बढ़िए। मैं आपके साथ हूं, सर्वश्रेष्ठ की आशा रखिए।'
इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने मिशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था। उन्होंने बताया कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर पहले तक लैंडर प्लान के हिसाब से काम कर रहा था। उसके बाद उससे संपर्क टूट गया।