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    गोरखपुर में बोले पीएम मोदी- लाल टोपी वालों को सिर्फ लाल बत्ती से मतलब, यूपी के लिए ये रेड अलर्ट

    PM Modi Gorakhpur visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के लोगों को 9600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बने एक एम्स (AIIMS) और एक उर्वरक संयंत्र सहित कई परियोजनाओं को समर्पित किया।

    By Manish PandeyEdited By: Updated: Tue, 07 Dec 2021 04:34 PM (IST)
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    प्रधानमंत्री ने गोरखपुर को 9,600 करोड़ रुपये की योजनाओं का उपहार दिया।

    नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में 9650 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया। पीएम मोदी ने गोरखपुर खाद कारखाने, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) का लोकार्पण किया। इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स का शुरू होना अनेक संदेश दे रहा है। जब डबल इंजन की सरकार होती है तो डबल तेजी से काम भी होता है। जब नेक नीयत से काम होता है तो आपदाएं भी अवरुद्ध नहीं बन पाती है।

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    PM Modi Gorakhpur visit Highlights

    आज पूरा यूपी जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से ही मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं। लाल टोपी वालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुली छूट देने के लिए। लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए और इसलिए, याद रखिए लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी: पीएम मोदी

    आजादी के बाद से इस सदी की शुरुआत तक देश में सिर्फ 1 एम्स था। अटल जी ने 6 और एम्स स्वीकृत किए थे। बीते 7 वर्षों में 16 नए एम्स बनाने पर देशभर में काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य ये है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कालेज जरूर हो: पीएम मोदी

    जब मैंने एम्स का शिलान्यास किया था, तो मैंने कहा था कि हम दिमागी बुखार से इस क्षेत्र को राहत दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे। हमने दिमागी बुखार फैलाने की वजह को दूर करने पर भी काम किया और इसका उपचार भी किया। आज गोरखपुर और बस्ती डिविजन के 7 जिलों में दिमागी बुखार के मामले करीब 90% तक कम हो गए हैं: पीएम मोदी

    गोरखपुर खाद कारखाने की बहुत बड़ी भूमिका देश को यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में भी होगी। देश के अलग-अलग हिस्सों में बन रहे 5 फर्टिलाजर प्लांट शुरु होने के बाद 60 लाख टन अतिरिक्त यूरिया देश को मिलेगा। ये कारखाना राज्य के अनेक किसानों को पर्याप्त यूरिया तो देगाा ही, इससे पूर्वांचल में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे: पीएम मोदी

    जब गरीब-शोषित-वंचित की चिंता करने वाली सरकार होती है, तो वो परिश्रम भी करती है, परिणाम भी लाकर दिखाती है। जब 2014 में आपने मुझे सेवा का अवसर दिया था, तब उस समय देश में फर्टिलाजर सेक्टर बहुत बुरी स्थिति में था। देश के कई खाद कारखानों वर्षों से बंद पड़े थे। विदेशों से आयात लगातार बढ़ता जा रहा था: पीएम

    हमने यूरिया का गलत इस्तेमाल रोका, यूरिया की 100 फीसद नीम कोटिंग की। हमने करोड़ों किसानों को साइल हेल्थ कार्ड दिए ताकि उन्हें पता चल सके उनके खेत को किस तरह की खाद की जरूरत है। हमने यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। बंद पड़े खाद कारखाने को फिर से खोलने पर ताकत लगाई: पीएम मोदी

    गोरखपुर में खाद कारखाना और एम्स की शुरुआत कई संदेश दे रहा है। जब डबल इंजन वाली सरकार होती है तो डबल स्पीड में काम होता है। जब ईमानदार इरादे से काम किया जाता है, तो विपत्ति भी बाधा नहीं बन सकती: गोरखपुर में पीएम नरेंद्र मोदी

    गोरखपुर में खाद कराखाने का शुरू होना, गोरखपुर में एम्स का शुरू होना अनेक संदेश दे रहा है। जब डबल इंजन की सरकार होती है तब डबल तेजी से काम भी होता है। जब नेक नियत से काम होता है, तो आपदाएं भी अवरोध नहीं बन पाती: पीएम मोदी

    5 साल पहले मैं गोरखपुर में एम्स और खाद कारखाने का शिलान्यास करने आया था। आज इन दोनों का एकसाथ लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आपने मुझे ही दिया है। मैं आप लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं: पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में 9,600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्‍य की विकास परियोजनाएं राष्‍ट्र को समर्पित किया। इसमें गोरखपुर खाद कारखाना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) शामिल है।

    जनसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 24 सालों तक यहां का फर्टिलाइजर कारखाना बंद था। 2016 में पीएम मोदी ने इस कारखाने का शिलान्यास किया और आज पहले से स्थापित उर्वरक कारखाने की तुलना में ये नया कारखाना चार गुना बड़ा है।

    सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर में 40 सालों तक बीमारियों से हजारों मौतें होती थीं, लेकिन केंद्र और राज्य की सरकारें मौन रहती थीं। पहली बार देश के प्रति संवेदना और भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए पीएम मोदी ने कार्यों को अलग अलग क्षेत्रों में शुरू किया। आज गोरखपुर एम्स का भी उद्घाटन होने जा रहा है।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखपुर में विकास परियोजनाओं की प्रदर्शनी देख रहे हैं। पीएम के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद हैं। इसके बाद पीएम 9600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

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    ’’विकास के नए क्षितिज पर गोरखपुर’’ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज शिव अवतारी महायोगी बाबा गोरखनाथ जी की तपोभूमि गोरखपुर में लगभग ₹10,000 करोड़ से अधिक की विभिन्न लोक-कल्याणकारी विकास परियोजनाओं को लोकार्पित कर राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

    - Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 7 Dec 2021

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    आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी गोरखपुर में 600 एकड़ में विस्तृत, ₹8,603 करोड़ लागत से निर्मित खाद कारखाने को आज राष्ट्र को समर्पित करेंगे। विगत 31 वर्षों से बंद पड़े इस कारखाने के प्रारंभ होने से सालाना 12.7 LMT उर्वरक का उत्पादन होगा एवं बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होगा।

    - Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 7 Dec 2021

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    जिस AIIMS की आधारशिला 2016 में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने रखी थी, आज 112 एकड़ में विस्तृत, ₹1,011 करोड़ लागत से निर्मित उसी AIIMS का लोकार्पण प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से हो रहा है। यह एम्स उ.प्र., बिहार सहित नेपाल को भी उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

    - Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 7 Dec 2021

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    आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी आज बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (RMRC) का लोकार्पण भी कर रहे हैं। यहां विषाणुजनित बीमारियों पर शोध के साथ ही ट्रेनिंग की भी सुविधा होगी। इससे उ.प्र. और बिहार की बड़ी आबादी लाभान्वित होगी।

    - Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 7 Dec 2021

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गोरखपुर में 9,600 करोड़ रुपये से अधिक रुपये की विकास परियोजनाएं राष्‍ट्र को समर्पित करेंगे। इसके लिए गोरखपुर में तैयारियां की गई हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

    गोरखपुर में एम्स न केवल उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के जिलों बल्कि पड़ोसी बिहार और यहां तक ​​कि नेपाल के लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराएगा। पीएमओ के बयान के मुताबिक, एम्स को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा 22 जुलाई 2016 को रखी गई थी। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की गई है। गोरखपुर एम्स में सुविधाओं में 750 बिस्तरों वाला अस्पताल, मेडिकल कालेज, नर्सिंग कालेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आवास आदि शामिल हैं।

    पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 अगस्त, 2003 को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाइ) के तहत नई दिल्ली की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं के साथ छह नए एम्स अस्पतालों की घोषणा की थी। इन्हें भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में स्थापित किया गया था। पिछले सात सालों में देश के अलग-अलग हिस्सों में 15 एम्स की स्थापना की घोषणा के जरिए पीएम मोदी ने पूर्व प्रधान मंत्री के इस विजन को एक कदम और आगे बढ़ाया है।

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    लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी- पीएम @narendramodi जी #उन्नतप्रदेशउत्तरप्रदेश

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    - Sambit Patra (@sambitpatra) 7 Dec 2021

    प्रधानमंत्री गोरखपुर उर्वरक संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिसकी आधारशिला उन्होंने 22 जुलाई, 2016 को रखी थी। 30 से अधिक वर्षों से बंद पड़े कारखाने को लगभग 8,600 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्जीवित किया गया है। गोरखपुर संयंत्र प्रति वर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन स्वदेशी नीम लेपित यूरिया उत्पादन उपलब्ध कराएगा। यूरिया उर्वरक की मांग पूरी होने से पूर्वांचल क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों के किसानों को मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है कि यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। लोकसभा चुनाव 2014 से पहले गोरखपुर में एक रैली में पीएम मोदी ने बंद गोरखपुर उर्वरक संयंत्र का मुद्दा उठाया था।

    प्रधानमंत्री आइसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), गोरखपुर के नए भवन का भी उद्घाटन करेंगे। इस क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस / एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की चुनौती से निपटने में केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।