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    Natural Farming Conclave: पीएम मोदी रविवार को सूरत में नेचुरल फार्मिंग कान्क्लेव को करेंगे संबोधित

    Natural Farming Conclave पीएमओ के अनुसार इससे पहले सूरत जिले ने किसानों की मदद के लिए जिले में किसान समूहों निर्वाचित प्रतिनिधियों तलाथियों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों और संस्थानों को संवेदनशील और प्रेरित करने के लिए एक ठोस और समन्वित प्रयास किया गया है।

    By Ashisha RajputEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2022 11:06 PM (IST)
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    कार्यक्रम में पीएम मोदी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेंगे।

    नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को गुजरात के सूरत में आयोजित होने वाले एक प्राकृतिक कृषि सम्मेलन को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में पीएम मोदी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेंगे। इस बात की जानकारी प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी बयान में शनिवार को दी गई। इस सम्मेलन में हजारों किसान और सभी अन्य हितधारक हिस्सा लेंगे, जिन्होंने सूरत में प्राकृतिक खेती को अपनाने और उसे बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है।

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    प्राकृतिक कृषि सम्मेलन

    इसके साथ ही प्राकृतिक कृषि सम्मेलन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रतंद और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी शामिल होंगे।‌ आपको बता दें कि आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, प्रधान मंत्री ने मार्च, 2022 में गुजरात में एक पंचायत महासम्मेलन में सभा को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में प्रत्येक गांव में कम से कम 75 किसानों को खेती के प्राकृतिक तरीके को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया था।

    पीएमओ के अनुसार, सूरत जिले ने किसानों की मदद के लिए जिले में कई विभिन्न हितधारकों और संस्थानों, जैसे कि किसान समूह, निर्वाचित प्रतिनिधियों, फसल उपज विपणन समितियों, सहकारिताओं और बैंकों को किसानों की मदद करने के वास्ते जागरूक एवं प्रेरित करने के लिए एक ठोस और समन्वित प्रयास किए।

    पीएमओ ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 75 किसानों की पहचान की गयी तथा उन्हें प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित एवं प्रशिक्षित और प्रेरित किया गया। किसानों को 90 विभिन्न समूहों में प्रशिक्षित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप जिले भर के 41,000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया।

    बता दें कि इस कान्क्लेव में उन हजारों किसानों और अन्य सभी हितधारकों की भागीदारी देखी जाएगी, जिन्होंने सूरत में प्राकृतिक खेती को अपनाना संभव बनाया है।