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    व्हाइट हाउस में चार घंटे रहे पीएम मोदी, डिफेंस से लेकर तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण तक पढ़िए किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

    पीएम मोदी की ट्रंप से मुलाकात के लिए गुरुवार को शाम चार बजे व्हाइट हाउस पहुंचे। दोनों नेता तकरीबन पांच वर्षों बाद और ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार मिले। ट्रंप ने ना सिर्फ मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया बल्कि उन्हें एक खास व्यक्ति करार करते हुए “वी मिस यू लॉट कह कर अपनी व्यक्तिगत भावना भी बताई।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 14 Feb 2025 11:25 PM (IST)
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    मोदी-ट्रंप की बैठक में कारोबार-बड़े रक्षा समझौतों पर सहमति (फोटो-एक्स)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेन्द्र मोदी के बीच हुई मुलाकात से अगले दस वर्षों के लिए भारत और अमेरिका के रिश्तों का खाका तैयार कर दिया है।

    भारत को और ज्यादा तेल व गैस की होगी बिक्री

    दोनों नेताओं की इस बहुप्रतीक्षित मुलाकात में मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में एक तहव्वुर राणा को भारत लाने, खालिस्तान समर्थक गतिविधियों पर रोक लगाने, गैर-कानूनी तौर पर भारतीयों की अमेरिका में घुसपैठ कराने वाले लोगों के खिलाफ साझा निर्णायक कार्रवाई करने, रक्षा क्षेत्र में अगले दस वर्षों के लिए सहयोग का रोडमैप बनाने, भारत को अत्याधुनिक एफ-35 युद्धक विमान बेचने, अमेरिका से ज्यादा तेल व गैस की खरीद करने, मिल कर परमाणु ऊर्जा के छोटे व बड़े रिएक्टरों का निर्माण करने को लेकर सहमति बनी है।

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    कट्टरवादी इस्लामिक गतिविधियों के खिलाफ भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का आश्वासन भी ट्रंप ने दिया लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया पारस्परिक टैक्स लगाने को लेकर भारत को कोई छूट नहीं मिलेगी।

    ट्रंप ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया

    पीएम मोदी की ट्रंप से मुलाकात के लिए गुरुवार को शाम चार बजे व्हाईट हाउस पहुंचे। वहां वह चार घंटे तक रहे और इस दौरान अधिकांश समय ट्रंप ने उनका साथ दिया। दोनों नेता तकरीबन पांच वर्षों बाद और ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार मिले। ट्रंप ने ना सिर्फ मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया बल्कि उन्हें एक खास व्यक्ति करार करते हुए “वी मिस यू लॉट'' कह कर अपनी व्यक्तिगत भावना भी बताई।

    कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कही ये बात

    करीब 45 मिनट के लंबे प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने इस बैठक को भारत-अमेरिकी रिश्तों में एक महत्वपूर्ण क्षण के तौर पर चिन्हित किया। इस दौरान 21वीं सदी के लिए भारत-अमेरिकी साझेदारीा को प्रगाढ़ करने के लिए काम्पैक्ट नाम से एक नये अभियान की शुरुआत की गई है। काम्पैक्ट (सैन्य साझेदारी, वाणिज्य व प्रौद्योगिकी में अवसरों का लाभ उठाने वाला) द्विपक्षीय सहयोग के हर क्षेत्र में काम करेगा जिसमें परिणाम आधारित कार्यक्रमों पर जोर दिया जाएगा।

    ट्रंप ने इस्लामिक आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को एक अहम साझेदार बताया

    राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्लामिक आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को एक अहम साझेदार बताया। संयुक्त बयान में अल-कायद व आइसिस के साथ भारत के लिए खास तौर पर खतरा बने पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा के खतरों को लेकर सहयोग की प्रतिबद्धता जताई गई है और पाकिस्तान से कहा गया है कि वह मुंबई आतंकी हमले, पठानकोट हमले के दोषियों के खिलाफ शीघ्रता से कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि उसकी जमीन का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद के लिए ना हो।

    आतंकवाद के संदर्भ में भारत ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से मिली मंजूरी पर गहरा संतोष जताया है। भारत पिछले कई वर्षों से इस बारे में अमेरिका से बात कर रहा था।

    भारत अवैध आव्रजन पर अमेरिका के साथ करेगा काम

    ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि, “जिस उत्साह से उनकी पहली टर्म में हमने मिलकर काम किया, वही उमंग, वही उर्जा और वही प्रतिबद्धता मैंने आज भी महसूस की है। आज की चर्चाओं में उनके पहले टर्म मे हमारी उपलब्धियों का संतोष और गहरे आपसी विश्वास का सेतु था। साथ ही नए लक्ष्यों को प्राप्त करने का संकल्प भी था। हम मानते हैं कि भारत और अमेरिका का साथ और सहयोग एक बेहतर विश्व का आकार दे सकते हैं।''

    मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप के चुनावी नारे मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (मागा) और विकसित भारत को मेक इंडिया ग्रेट अगेन (मीगा) को मिला कर मेगा साझेदारी बनाने का नारा दिया। इसके तहत द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना से भी अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही दोनों देशों के बीच इसी साल एक कारोबारी समझौता करने की सहमति बनी है।

    साझा प्रेस कांफ्रेंस में ट्रंप ने जिस तरह से भारत की तरफ से बहुत ज्यादा टैक्स लगाने और अब अमेरिका की तरफ से भी उसी तर्ज पर भारतीय उत्पादों पर कर लगाने की बात बेलाग तरीके से रखी। यह बताता है कि कारोबरी समझौते की राह बहुत आसान नहीं होने वाली है। ट्रंप ने कहा, “अब जितना भारत हमारे उत्पादों पर कर लगाएगा, हम भी उतना ही लगाएंगे।''

    भारत की रक्षा जरुरतों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी

    ट्रंप प्रशासन की पूरी कोशिश भारत को ज्यादा से ज्यादा रक्षा व युद्ध सामग्रियों की बिक्री की रही है। संयुक्त बयान से साफ पता चलता है कि अमेरिका इसमें सफल रहा है। हालांकि इससे भारत की रक्षा जरुरतों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी। अमेरिका ने भारत को रक्षा क्षेत्र से जुड़े संवेदनशील प्रौद्योगिकियों को भी देने के लिए अपने संबंधित नियमों में बदलाव करने की बात कही है।

    भारत पहुंचे पीएम मोदी

    रक्षा सहयोग के लिए इसी साल एक दस वर्षीय फ्रेमवर्क भी दोनों देश बनाएंगे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी की इस यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण व फलदायक बताया। पीएम मोदी वाशिंगटन से रवाना होकर भारत पहुंच चुके हैं।