सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी पर पीएम मोदी कर सकते हैं सबसे बड़े 'नो बिल हॉस्पिटल' का उद्घाटन
सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी पर, पीएम मोदी 600 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन कर सकते हैं, जहाँ कैंसर और हृदय रोग जैसे गंभीर रोगों का मुफ्त इलाज होगा। पहले से चल रहे 300 बिस्तरों वाले अस्पताल में भी मुफ्त इलाज की सुविधा है। यह अस्पताल चिकबल्लापुर जिले में स्थित है, जहाँ हर महीने हजारों रोगियों का इलाज मुफ्त में किया जाता है। यहाँ रोगियों से कोई फीस नहीं ली जाएगी, और अस्पताल का स्लोगन है- "सिर्फ दिल, नो बिल"।

गंभीर रोगों के विश्वस्तरीय इलाज सुविधा होगी लेकिन उन्हें कोई बिल नहीं चुकाना पड़ेगा
नीलू रंजन, बेंगलुरू। सत्य साईं बाबा की जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर बन कर तैयार 600 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं। इसी स्थान पर 300 बिस्तरों वाले अस्पताल का पीएम मोदी ने 2023 में उद्घाटन किया था। यहां कैंसर, हृदय रोग आदि गंभीर से गंभीर रोगों का विश्वस्तरीय इलाज सुविधा होगी लेकिन उन्हें कोई बिल नहीं चुकाना पड़ेगा। पहले से चल रहे 300 बिस्तरों वाले अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध है और नए अस्पताल में भी यही नियम होगा।
कर्नाटक में बेंगलुरु से करीब 50 किलोमीटर दूर चिकबल्लापुर जिले के मुद्देनहल्ली तालुका में स्थित सत्य साईं ग्राम में बने श्री मधुसूदन साई आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान का लगभग 300 बिस्तरों का अस्पताल के ओपीडी में हर महीने लगभग 37 हजार रोगियों का इलाज निशुल्क किया जाता है। इनमें मुफ्त की दवाएं भी शामिल हैं। इसका उद्घाटन 23 नवंबर 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था।
इसी के बगल में एक नया 600 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बन कर तैयार है, जिसमें कैंसर, हृदय रोग, किडनी, लिवर आदि तमाम रोगों के विशिष्ट उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें इलाज व दवाओं सहित किसी भी चीज़ की कोई फीस रोगी से नहीं लिया जाएगा। उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित कर दिया गया है। उनसे समय मिलने का इंतजार है।
श्री मधुसूदन साईं आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान के चीफ मार्केटिंग आफिसर विवेक कुमार ने बताया कि अस्पताल में उपचार के लिए देश के कोने-कोने से रोगी आते हैं और बिना उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में जाने केवल आधार कार्ड और मेडिकल रिपोर्ट देख कर इलाज शुरू कर दिया जाता है। वर्तमान में चालू 300 बिस्तर वाले अस्पताल में कोई बिलिंग काउन्टर नहीं है और ना ही कोई बिलिंग काउन्टर नये अस्पताल में होगा। परन्तु जिन मरीज़ों का बीमा होगा, उनकी बीमा पॉलिसी से जो मिलेगा, उतना ही लिया जाएगा। किसी मरीज़ से एक रुपया भी नहीं लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अस्पताल का स्लोगन है- "सिर्फ दिल, नो बिल"।
6 लाख 50 हज़ार वर्ग फुट क्षेत्र में बन रहे नए भवन में 11 ऑपरेशन थिएटर, 400 जनरल बेड, 100 आईसीयू बेड और 100 प्राइवेट बेड होंगे। अस्पताल के मध्य में 21 फुट ऊंची श्री सत्य साई बाबा की भव्य प्रतिमा स्थापित होगी। इस प्रकार यह कॉरपोरेट अस्पतालों की टक्कर का होगा जहां कम से कम 20 क्लीनिकल विभाग होंगे जिन्हें बाद में और बढ़ाया जाएगा।
सुविधाओं की दृष्टि से देखें तो प्रतीक्षालय से लेकर आईसीयू, अत्याधुनिक निदान सुविधाएं- सीटी स्कैन, एमआरआई, आधुनिक मेडिकल लैब्स आदि हर व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी। यहां केवल रोगियों का ही नहीं बल्कि उनके साथ आने वाले परिजनों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। यहां एक विशाल भोजनालय तैयार हो रहा है, जहां एक समय में 300 लोग एकसाथ बैठकर भोजन कर सकेंगे। परिजनों से भोजन का भी कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
श्री सत्य साईं प्रेमामृत प्रकाशन एंड ग्लोबल आउटरीच एंड कम्युनिकेशन के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी के. सुचेतन रेड्डी के अनुसार अस्पताल से जुड़ा एक मेडिकल कालेज भी है। जिसमें पढ़ने वाले छात्रों से भी कोई फीस नहीं ली जाती है। इस तरह श्री मधुसूदन साई आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान विश्व का पहला गैर सरकारी आवासीय मेडिकल कॉलेज है, जो पूर्णतया निःशुल्क है।
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फिलहाल संस्थान में हर वर्ष 50 विद्यार्थियों का प्रवेश लिया जाता है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के कठोर नियमों के अधीन प्रवेश की एनईईटी परीक्षा की मेरिट के आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। यहां देश के वर्तमान आरक्षण कानून लागू हैं। इसके अतिरिक्त कोई अन्य आरक्षण या प्राथमिकता नहीं दी जाती है।
मल्टी स्पैलिशियलिटी हॉस्पिटल से पहले छत्तीसगढ़ के रायपुर और हरियाणा के पलवल समेत छह स्थानों पर निःशुल्क बाल हृदय अस्पताल खोल चुका है। जहां जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को निःशुल्क उपचार और शल्य चिकित्सा प्रदान करता है। छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर, हरियाणा के पलवल, महाराष्ट्र के नवी मुंबई एवं यवतमाल, तेलंगाना के कोंडापाक, झारखंड में जमशेदपुर तथा उत्तराखंड में रायवाला में ये अस्पताल मानवता की बड़ी सेवा कर रहे हैं।

वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों को देखें तो अब तक 68,000+ सर्जरी पूरी तरह निःशुल्क की जा चुकी हैं। 44 लाख से अधिक बाह्य रोगी परामर्श दिया जा चुका है। 15,900 से ज्यादा सुरक्षित प्रसव कराए गए हैं। 37,000 से अधिक बच्चों के हृदय दोषों का उपचार किया गया है। 1.4 लाख से अधिक अन्य रोगियों को भर्ती करके उनका उपचार किया गया है और 6.87 लाख से ज्यादा स्वास्थ्य जांचें ग्रामीण क्षेत्रों में की गई हैं।

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