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    PM मोदी ने भारत-बांग्लादेश मैत्री सेतु का उद्घाटन किया, बोले- त्रिपुरा को मिला डबल इंजन का फायदा

    By Manish PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 09 Mar 2021 12:45 PM (IST)

    मैत्री सेतु (Maitri Setu) भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों और मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक है। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड द्वारा 133 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर इसे पूरा किया गया।

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    पीएम मोदी ने भारत-बांग्लादेश के बीच बने 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन किया।

    नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत और बांग्लादेश के बीच फेनी नदी पर बने 'मैत्री सेतु' के साथ ही त्रिपुरा में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वीडियो कांफ्रेंस के जरिये उद्घाटन के बाद मोदी ने केंद्र के सहयोग से बिप्लब देब सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि जहां 'डबल इंजन' (केंद्र के साथ राज्य में भी भाजपा की सरकार) की सरकार नहीं है, वहां गरीबों, किसानों, बेटियों को सशक्त करने वाली योजनाएं या तो लागू ही नहीं की गईं या बहुत धीमी गति से चल रही हैं। उनका इशारा सीधे-सीधे बंगाल की ओर था। साथ ही उन्होंने कहा कि 'डबल इंजन' सरकार होने से पिछले तीन वर्षो में आपसी संपर्क से संबंधित आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र में त्रिपुरा में जबर्दस्त सुधार देखने को मिला है।

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    संबोधन में प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा में हवाई अड्डे के लिए तेजी से हो रहे काम, समुद्र के जरिये इंटरनेट सुविधा, रेलवे लाइन पहुंचाने और जलमार्गो का हवाला दिया। मोदी ने कहा, 'डबल इंजन' की सरकार के ये काम त्रिपुरा की बहनों-बेटियों को सशक्त करने में मदद कर रहे हैं। त्रिपुरा में पीएम किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ किसानों और गरीब परिवारों को मिल रहा है। मोदी ने कहा कि 2017 में त्रिपुरा की जनता ने भाजपा पर भरोसा जताकर 'डबल इंजन' की सरकार बनाई। आज वह पुरानी सरकार के 30 साल और 'डबल इंजन' की तीन साल की सरकार में आए बदलाव को स्पष्ट अनुभव कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती वामपंथी शासन में त्रिपुरा में जहां कमीशन और भ्रष्टाचार के बिना काम होने मुश्किल थे, वहां आज सरकारी लाभ लोगों के बैंक खाते में सीधे पहुंच रहा है।

    अगरतला बना अंतरराष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह से देश का सबसे नजदीकी शहर

    प्रधानमंत्री ने कहा कि मैत्री सेतु खुलने से अगरतला अंतरराष्ट्रीय समुद्री बंदरगाह से भारत का सबसे नजदीकी शहर बन गया है। उन्होंने कहा, 'भारत और बांग्लादेश के बीच संपर्क से न केवल मित्रता प्रगाढ़ हो रही है बल्कि व्यापार के लिए भी यह एक मजबूत कड़ी सिद्ध हो रहा है। इस समूचे क्षेत्र को पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार गलियारे के रूप में विकसित किया जा रहा है।' मोदी ने कहा कि इससे त्रिपुरा के साथ-साथ दक्षिणी असम, मिजोरम और मणिपुर के बांग्लादेश और दक्षिण पूर्व-एशिया से परस्पर संपर्क में और बढ़ोतरी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सेतु से बांग्लादेश में भी आíथक उन्नति के अवसर बढ़ेंगे। इस सेतु परियोजना के पूरा होने में सहयोग देने के लिए उन्होंने बांग्लादेश सरकार और वहां की प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

    राजनीतिक सीमाएं कारोबार के लिए अवरोध नहीं बननी चाहिए : हसीना

    बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि क्षेत्र में राजनीतिक सीमाएं कारोबार के लिए अवरोध नहीं बननी चाहिए। इस पुल से नेपाल और भूटान के साथ बांग्लादेश के कारोबार को गति मिलेगी और क्षेत्र में आíथक गतिविधियों का विस्तार होगा। हसीना ने कहा, 'नि:संदेह यह ऐतिहासिक पल है। हम दक्षिण एशिया में संपर्क के नए दौर की शुरुआत कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कारोबार विस्तार की भरपूर संभावना है।

    मैत्री सेतु की लागत 133 करोड़

    फेनी नदी त्रिपुरा और बांग्लादेश में सीमा के बीच बहती है। मैत्री सेतु का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड ने किया है। इस पर 133 करोड़ रुपये की लागत आई है। 1.9 किलोमीटर लंबा यह पुल भारत में सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ता है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और परस्पर संपर्क बढ़ेगा। मैत्री सेतु से बांग्लादेश के चट्टोग्राम बंदरगाह तक पहुंचने के लिए त्रिपुरा, पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार बन गया है। यह सबरूम से केवल 80 किमी की दूरी पर है। मोदी ने कैलाशहर में उनाकोटी जिला मुख्यालय को खोवाई जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले एचएच-208 की आधारशिला भी रखी और राज्य सरकार द्वारा विकसित राज्य राजमार्गो और अन्य जिला सड़कों का उद्घाटन किया।

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