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    कांग्रेस ने देश की विभूतियों के साथ अन्याय किया, सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर पीएम मोदी का प्रहार

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 08:07 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल के निधन के बाद उनकी नीतियों को भुला दिया और देश की एकता व संप्रभुता को गंभीरता से नहीं लिया। मोदी ने कांग्रेस पर महान विभूतियों के साथ अन्याय करने और देश के सम्मान से समझौता करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश की एकता और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद एकता व संप्रभुता के साथ मजबूत भारत का जो सपना देशवासियों ने देखा था उसे सरदार पटेल के निधन के बाद कांग्रेस सरकारों भुला दिया। नक्‍सलवाद, माओवाद व घुसपैठ पनपता रहा, कश्‍मीर व पूर्वोत्‍तर में देश टूट के कगार पर था लेकिन उनको कोई फर्क नहीं पडा।

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    प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल ही नहीं डॉ अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, कर्पूरी ठाकुर, जयप्रकाश नारायण जैसी महान विभूतियों के साथ भी अन्‍याय किया।

    पटेल के निधन के बाद कांग्रेस उनकी नीतियों से भटक गई- पीएम मोदी

    लौहपुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात के नर्मदा जिले के केवडिया में आयोजित एकता परेड की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां आजादी के 75 वर्ष में देश की एकता व संप्रभुता के समक्ष आई चुनौतियों का उल्‍लेख करते हुए कहा क‍ि सरदार पटेल के निधन के बाद कांग्रेस सरकारें उनकी नीतियों से भटक गई।

    देश की एकता व संप्रभुता को सरकारों ने गंभीरता से नहीं लिया। कश्‍मीर में हुई गलती के कारण देश का टुकड़ा अलग हुआ इसके बाद पूर्वोत्‍तर की समस्‍या उत्‍पन्‍न हुई।

    नक्‍सलवाद, माओवाद व आतंक ने देश की संप्रभुता को चुनौती दी तब सरकारों ने सरदार की नीति पर चलने के बजाये रीढ विहीन नीति को चुना। इसका परिणाम यह हुआ की देश को हिंसा सहनी पडी, रक्‍तपात झेलना पडा।

    कांग्रेस ने गुलामी की मानसिकता को आत्‍मसात किया- पीएम मोदी

    कांग्रेस ने अंग्रेजों से सत्‍ता के साथ गुलामी की मानसिकता को भी आत्‍मसात कर दिया था। अंग्रेजों ने देश की एकता को तोडने के लिए वंदे मातरम पर रोक लगाई और कांग्रेस ने तुष्‍टीकरण के लिए देश की आत्‍मा में बसे वंदे मातरम जैसे गीत के एक हिस्‍से को काट दिया।

    प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे कांग्रेस राज में देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया तथा उनके सत्‍ता में आने के बाद एक एक समस्‍या का स्‍थायी समाधान किया गया। मोदी ने कांग्रेस नेताओं पर देश के सम्‍मान से समझौता करने व महान विभूतियों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया।

    मोदी यह बताने से भी नहीं चूके क‍ि कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी को भारत रत्‍न व धुर राजनीतिक विरोधी मुलायम सिंह को उनकी ही सरकार ने पदम पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया। बिहार चुनाव को देखते हुए मोदी ने सामाजिक न्‍याय के पुरोध कर्पूरी ठाकुर व लोकनायक जयप्रकाश नारायण की कांग्रेस की ओर से की गई उपेक्षा को भी मुद्दा बनाया।

    सरदार पटेल ने 562 रजवाडों का एकीकरण किया तब पंडित जवाहर लाल नेहरु ने उनकी इच्‍छा के विरुद्ध जम्‍मू कश्‍मीर को अलग निशान अलग संविधान सौंप दिया। इसके बाद कांग्रेस आतंकवाद के समक्ष नतमस्‍तक हो गई, कांग्रेस अपने विजन को भूल गई लेकिन हम नहीं भूले।

    यह लौहपुरुष सरदार पटेल का भारत है- पीएम मोदी

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस का आयोजन एकतानगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास किया, जहां अर्धसैनिक बलों की परेड आयोजित की गई। मोदी ने कहा, "यह लौहपुरुष सरदार पटेल का भारत है, जो सुरक्षा और सम्मान के मामले में कभी समझौता नहीं करता।"

    मोदी ने भारत की एकता के चार स्तंभों पर जोर दिया: सांस्कृतिक एकता, भाषा की एकता, भेदभाव रहित विकास और कनेक्टिविटी। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल गरीबी के खिलाफ दीर्घकालिक योजना पर काम करना चाहते थे। "इस सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है,"

    2014 के बाद, अनुच्छेद 370 की बेड़ियां तोड़कर कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ा गया है। "ऑपरेशन सिंदूर" ने दुनिया को दिखा दिया कि अगर कोई भारत की ओर आंख उठाएगा, तो भारत उसका मुंहतोड़ जवाब देगा।

    2014 के बाद दुनिया ने भारत की इच्छा शक्ति देखी- पीएम मोदी

    वर्ष 2014 के बाद दुनिया ने राष्‍ट्र की इच्‍छा शक्ति को देखा, धारा 370 को समापत कर दिया, ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखा कि भारत अब घर में घुसकर मारता है। पहले देश में नक्‍सलवाद व माओवाद अपनी अलग हुकूमत चलाते थे लेकिन हमने इनकी कमर तोड़ दी।

    पहले देश के 125 जिले नक्‍सलवाद के शिकंजे में थे अब महज 11 जिलों में इनका असर है और प्रभावी तो वो केवल 3 ही जिलों में रहे हैं। मोदी ने कहा क‍ि विकसित व सशक्‍त भारत के लिए देश की एकता को तोड़ने वाली ताकतों को विफल करना होगा।

    देश को मजबूत राष्‍ट्र बनाने के लिए हमें चार बातों पर खास ध्‍यान देना होगा, पहला सांस्‍क्रतिक एकता सामाजिक व धार्मिक रूप से हम एक बने, दूसरा भाषाई एकता ताकि हर भाषा का सम्‍मान हो और किसी पर दूसरी भाषा को थोपा नहीं जा सके।

    तीसरा देश में किसी भी तरह के भेदभाव से मुक्‍त भारत बनाना और चौथा आपस में संपर्क होना। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजीटल क्रांति आज देश की एकता को मजबूती दे रही है।

    कांग्रेस ने देश की विभूतियों के साथ अन्याय किया- पीएम मोदी

    महान विभूतियों के साथ अन्‍याय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल ही नहीं डॉ अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, कर्पूरी ठाकुर, जयप्रकाश नारायण जैसी विभूतियों के साथ भी अन्‍याय किया।

    हमने सत्‍ता में आने के बाद सामाजिक न्‍याय के पूरोधा कर्पूरी ठाकुर, कांग्रेस नेता एवं पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्‍न से तथा हमारे वैचारिक विरोधी समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव को पदम पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया। पहले एक प्रधानमंत्री के नाम पर मेमोरियल था लेकिन हमने सभी प्रधानमंत्रियों के नाम से संग्रहालय बनाया।

    गुजरात का टेबलो: अखंड भारत की गाथा

    एकतानगर में विविध झांकियों की परेड में गुजरात सरकार का अखंड भारत के निर्माण में सरदार साहब के योगदान को उजागर करता टेबलो लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा। गुजरात के टेबलो का मुख्य भाग देश के उस ऐतिहासिक क्षण को दर्शाता था, जब सरदार साहब ने महाराजा कृष्ण कुमार सिंह जी के करकमलों से भावनगर रियासत का भारतीय गणराज्य में विलय करवा कर देश की एकता की नींव रखी थी।

    दोनों महान विभूतियों की प्रतिमा के साथ प्रस्तुत इस टेबलो ने "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" का अनूठा संदेश दिया। टेबलो में सरदार साहब की दृढ़ निर्णय शक्ति के प्रतीक सोमनाथ मंदिर के अलावा, कच्छ के भूकंप में शहीद हुए लोगों की स्मृति में बने भुज स्थित स्मृतिवन को भी प्रमुखता से स्थान दिया गया था, जो गुजरात के शौर्य और दृढ़ता का प्रतीक है।

    एकता की थीम के साथ निकाली झांकियां

    एकता परेड में विविधता में एकता का संदेश लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 10 टेबलो ने लोगों का खास ध्यान आकर्षित किया। इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), एनडीआरएफ, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और पुडुचेरी राज्यों के टेबलो शामिल थे।

    इन टेबलो ने अपने-अपने राज्यों की विविध सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश करते हुए "एकता" थीम को बखूबी दर्शाया। राष्ट्रीय एकता दिवस पर एकता की भावना को दर्शाती केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ-साथ 8 राज्यों की झांकियां प्रस्तुत की गईं। एनएसजी और एनडीआरएफ द्वारा किए जाने वाले कार्यों का चित्रण करती झांकियां भी प्रदर्शित की गईं।

    अंडमान और निकोबार ने द्वीपों की सुंदरता को दर्शाने वाली झांकी पेश की, छत्तीसगढ़ ने जनजातीय संस्कृति की झलक दिखाने वाली झांकी प्रस्तुत की। जम्मू और कश्मीर ने चिनाब पुल और प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाने वाली झांकी प्रस्तुत की, महाराष्ट्र ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और स्वराज्य की प्रेरणादायक झांकी पेश की, मणिपुर ने प्राकृतिक सौंदर्य और कला का प्रदर्शन करती झांकी प्रस्तुत की।

    केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को उजागर करती झांकी पेश की, जबकि उत्तराखंड ने प्राचीन केदारनाथ मंदिर, योग और अध्यात्म को आत्मसात करती झांकी प्रस्तुत की।