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    पीएम मोदी ने विदेश यात्राओं के जरिये वैश्विक एजेंडे को दिया आकार, साझेदार देशों के साथ संबंध हुए प्रगाढ़

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Fri, 09 Dec 2022 05:12 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर 239 करोड़ रुपये से कुछ अधिक का खर्च आया है। इसके अलावा इन यात्राओं ने कुपोषण जलवायु परिवर्तन आतंकवाद साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे को आकार दिया।

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    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर 239 करोड़ रुपये से कुछ अधिक का खर्च आया है।

    नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर 239 करोड़ रुपये से कुछ अधिक का खर्च आया है। विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि इन विदेश यात्राओं के दौरान संबंधित देशों के साथ भारत का नजरिया साझा किया गया। इसके अलावा इन यात्राओं ने कुपोषण, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे को आकार दिया है।

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    साझेदार देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। अपने लिखित उत्तर में मुरलीधरन ने नवंबर 2017 की फिलीपींस यात्रा के बाद से तमाम विदेशी दौरों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने 36 विदेश यात्राओं पर पीएम के साथ गए प्रतिनिधिमंडल का विवरण दिया, जबकि 31 विदेश यात्राओं पर आए खर्च की जानकारी दी। विवरण के अनुसार, 2019 में 21 से 28 सितंबर के बीच प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा पर अधिकतम 23,27,09,000 रुपये खर्च किए गए। 

    जलवायु परिवर्तन पर कानून की जरूरत नहीं

    पर्यावरण और वन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है। कार्ययोजना के जरिये भारत इन चुनौतियों से निपटने का प्रयास कर रहा है।

    व्यावसायिक कारणों और कोरोना से रुका सीप्लेन का परिचालन

    नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री वीके ¨सह ने लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2020 में साबरमती रिवर फ्रंट और स्टेच्यू आफ यूनिटी के बीच शुरू किए गए सीप्लेन का परिचालन व्यावसायिक तथा कोरोना संबंधी कारणों से रुक गया।