भारत अब दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था-जानिए, कैसे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि अब भारत दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था बन गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ऐसे समय जब आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन की अचानक विदाई से वित्तीय बाजारों में चिंता का माहौल था, राजग सरकार ने अपने कार्यकाल के सबसे अहम आर्थिक सुधारों को लागू करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में हुई उच्चस्तरीय बैठक में सिविल एविएशन, रक्षा, सिंगल ब्रांड रिटेल, फार्मा व ब्रॉडकास्टिंग समेत नौ उद्योगों में विदेशी निवेश के नियमों को आसान कर दिया गया है। इस फैसले के बाद देश के अधिकतर औद्योगिक क्षेत्रों में अब न्यूनतम रोकटोक से विदेशी निवेश हो सकेगा। इसे भारत को निर्माण और रोजगार का हब बनाने के फैसले के रूप में देख्रा जा रहा है। पीएम ने खुद कहा कि अब भारत दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था बन गया है।
Today’s FDI reforms will give a boost to employment, job creation & benefit the economy. #TransformingIndia https://t.co/L49grGhku0
— Narendra Modi (@narendramodi) June 20, 2016
पीएम मोदी की अध्यक्षता में लगभग पांच घंटे चली बैठक के बाद ये फैसले हुए। इसमें पिछले दो वर्षो के दौरान एफडीआइ आकर्षित करने के लिए जो कदम उठाए गए थे, उनकी समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के दौरान विदेशी निवेशकों के साथ होने वाली बैठकों का असर भी इस फैसले में दिखाई देता है। कई ऐसे क्षेत्रों में ऑटोमैटिक तरीके से निवेश की इजाजत दी गई है जिसे राजनीतिक व आर्थिक रूप से काफी संवेदनशील माना जाता रहा है। मसलन, घरेलू एयर ट्रांसपोर्ट सेवा व पैसेंजर एयरलाइंस में विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसद से बढ़ाकर 100 फीसद की गई है।
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इसमें 49 फीसद निवेश ऑटोमैटिक रास्ते से होगा। इसके बाद की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकारी मंजूरी लेनी होगी। देश के मौजूदा हवाई अड्डों में एफडीआइ की सीमा बढ़ाकर 100 फीसद की गई है। सिंगल ब्रांड रिटेल चेन स्थापित करने वाली विदेशी कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए उनके लिए स्थानीय स्तर पर 30 फीसद उत्पाद लेने की अनिवार्यता को तीन वर्षो के लिए समाप्त किया गया है। कंपनी भारत में यदि बेहद आधुनिक उत्पाद बेचना चाहती है तो उसके लिए पांच वर्षो की छूट दी गई है। इससे भारत में स्टोर खोलने की मंशा रखने वाली एप्पल को काफी लाभ होगा। एप्पल के सीईओ टिम कुक कुछ हफ्ते पहले ही भारत आए थे और स्थानीय सोर्स की बाध्यता को बड़ी अड़चन बताकर गए थे।
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और कई अहम फैसले
भारत सरकार ने एक अन्य अहम फैसले के तहत भारत में तैयार होने वाले सभी तरह के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में ई-कॉमर्स के जरिये तैयार खाद्यान्नों के व्यापार आदि में एफडीआइ की सीमा ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसद कर दी है। रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेशकों के लिए निवेश की परिभाषा बदली गई है। अब हर तरह की विदेशी रक्षा कंपनियां यहां निवेश कर सकेंगी। छोटे हथियार व गोला-बारूद बनाने वाली कंपनियों के लिए भी एफडीआइ सीमा लागू की गई है। टेलीपोर्ट्स, केबल नेटवर्क, डायरेक्ट-टू-होम, मोबाइल टीवी, स्काई ब्रॉडकास्टिंग सर्विस में भी सौ फीसद एफडीआइ की छूट दे दी गई है।
फार्मा क्षेत्र में भी खोला रास्ता
देश की मौजूदा दवा कंपनियों में एफडीआइ की सीमा 74 फीसद तक ऑटोमैटिक तरीके से करने की इजाजत दी गई है। इसके बाद 100 फीसद तक के लिए सरकार से मंजूरी की अनिवार्यता पहले से ही लागू है। देश में निजी सुरक्षा एजेंसी चलाने वाली कंपनियों में विदेशी निवेशकों को 74 फीसद तक हिस्सेदारी बढ़ाने की इजाजत दी गई है। 49 फीसद ऑटोमैटिक रूट से जबकि इसके बाद सरकारी मंजूरी के साथ।
ब्रांच खोलने के नियम आसान
सरकार ने 'ईज आफ डूइंग बिजनेस' के नारे को आगे बढ़ाते हुए रक्षा, टेलीकॉम, प्राइवेट सिक्योरिटी व सूचना-प्रसारण से जुड़ी विदेशी कंपनियों के लिए यहां ब्रांच खोलने के नियम को आसान कर दिया है। देश में अच्छी क्वालिटी के पशुधन को बढ़ावा देने के लिए पशुओं के प्रजनन में दुनिया की बड़ी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए सौ फीसद तक निवेश की इजाजत दी गई है, वह भी स्वचालित रास्ते से।
तैयार होंगे रोजगार के नए अवसर
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने बताया कि इन फैसलों से देश में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में गति आएगी जो देश में रोजगार के नए अवसर पैदा करने में बेहद सहयोगी होगा। सरकार ने हर क्षेत्र का अध्ययन करने के बाद ये फैसले किए हैं।
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