रक्षा, विमानन में 100 फीसद विदेशी निवेश को मंजूरी, अन्य क्षेत्रों में भी हुअा बदलाव
सरकार ने फार्मा सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में भी सरकार ने 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई है।
नई दिल्ली, एजेंसी। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के जाने के एलान के 2 दिन बाद ही केंद्र सरकार ने सोमवार को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के मामले में बड़ा फैसला किया। रक्षा और नागरिक विमानन क्षेत्र को विदेशी पूंजी के लिए पूरी तरह खोल दिया। अब इन क्षेत्रों में विदेशी कंपनियां अपनी 100 फीसद हिस्सेदारी वाली यूनिट शुरू कर सकती हैं।
रक्षा क्षेत्र में 49 फीसद से ज्यादा निवेश की पहले ही मंजूरी थी। नए नियमों में स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी (नई टेक्नोलॉजी) साझा करने की शर्त को खत्म कर दिया गया। इसके अलावा, आर्म्स एक्ट 1959 में शामिल छोटे हथियारों के निर्माण में भी विदेशी निवेश 100 फीसद कर दिया है। इसके साथ ही एपल के लिए भी भारत में स्टोर खोलने का रास्ता साफ हो गया है। मोदी सरकार का आर्थिक सुधार के लिए दूसरा बड़ा कदम है। इससे पहले नवंबर 2015 में सुधार के कदम उठाए गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में ये फैसले किए गए। एफडीआई के नए नियमों के तहत रक्षा और शिड्यूल्ड एयरलाइंस सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से केवल 49 फीसद एफडीआई की मंजूरी होगी। इससे ज्यादा विदेशी निवेश के लिए सरकार से मंजूरी लेनी होगी। फार्मा सेक्टर में ऑटोमैटिक रूट से 74 फीसद एफडीआई की इजाजत दे दी गई है।
इसके अलावा ई-कॉमर्स और फूड सेक्टर में 100 फीसद एफडीआई को हरी झंडी दे दी गई है। सिंगल ब्रांड रिटेल सोर्सिग के नियमों में भी ढील दी गई है। केबल नेटवर्क, डीटीएच और मोबाइल टीवी में ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसद एफडीआई की अनुमति दे दी गई है। एएफडीआई के नियमों में ढील के बाद अब डिफेंस ऑफिस, टेलीकॉम ऑफिस और ब्रॉडकास्ट ऑफिस के लिए रिजर्व बैंक की मंजूरी नहीं लेनी होगी।
नई एफडीआई नीति
क्षेत्र एफडीआई की सीमा (फीसद में) पहले
रक्षा 100
विमानन 100
ई--कॉमस 100
केबल नेटवर्क, मोबाइल टीवी, डीटीएच 100
नई दवा कंपनी 100
पुरानी दवा कंपनी 74
प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी 74
पशुपालन 100
मकसद : ज्यादा रोजगार
विदेश निवेश नियमों में बदलाव का मकसद अधिक रोजगार पैदा करना, बुनियादी ढांचे में सुधार करना और निवेश का माहौल बेहतर बनाना बताया गया है। इसके अलावा अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आकषिर्षत करना भी नई नीति का एक उद्देश्य है।
भारत अब दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था
बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि अब एक छोटी नकारात्मक सूची को छोड़कर ज्यादातर क्षेत्रों में एफडीआई ऑटोमैटिक रूट से किया जा सकता है। इन बदलावों के बाद अब भारत एफडीआई के मामले में दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्था होगा।
एपल को फायदा ऐसे
असल में नई नीति के तहत स्थानीय कंपनियों से पुर्जे खरीदने (सोर्सिग) के नियमों से छूट की सीमा तीन साल से बढ़ाकर 5 साल भी की जा सकती है। शर्त यह होगी कि कंपनी को यह साबित करना होगा कि उसके प्रोडक्ट अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के हैं। डीआईपीपी (औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग) के सचिव राजेश अभिषेक ने कहा कि हम एपल से संकेत लेना चाहेंगे कि कंपनी नए प्रावधानों का फायदा उठाना चाहेगी या नहीं।
3.69 लाख करोड़ का विदेशी निवेश
हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि पिछले 2 सालों में भारत में 3.69 लाख करोड़ (55 अरब डॉलर) का विदेशी निवेश आया है। साल 2015-16 में भारत में 36 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के मुताबिक इस साल भारत में 38 अरब डॉलर विदेशी निवेश आने की संभावना है।
हाल के बड़े विदेशी निवेश
फॉक्सकॉन - 5 अरब डॉलर (अगले 2-3 साल तक)
जीई, अलस्टॉम - 5.9 अरब डॉलर
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