Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महर्षि सरस्वती के जयंती समारोह में बोले PM Modi- आज बेटियां भी चला रहीं राफेल, गरीबों का उत्थान ही प्राथमिकता

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Sun, 12 Feb 2023 01:07 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का आज उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पूजा और यज्ञ किया और कहा कि हम भी महर्षि की बातों पर चल रहे।

    Hero Image
    प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पूजा और यज्ञ किया।

    नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पूजा और यज्ञ किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गरीबों और वंचितों का उत्थान ही हमारी प्राथमिकता 

    पीएम ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि ने हमेशा महिलाओं के सम्मान और उत्थान की बात कही है और उनकी बातों को आज पूरा किया जा रहा है। पीएम ने कहा कि आज देश की बेटियां भी राफेल लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं। मोदी ने कहा कि गरीबों और वंचितों का उत्थान ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है। पीएम ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती भारत की महिला सशक्तिकरण की आवाज बने और सामाजिक भेदभाव, छुआछूत और ऐसी कई विकृतियों के खिलाफ एक मजबूत अभियान चलाया।

    दयानंद सरस्वती के दिखाए रास्ते से करोड़ों लोगों में उम्मीद जगी

    पीएम ने कहा कि महर्षि दयानंद का मानना था कि हमें ही विश्व को विकास की ओर ले जाना है और सबके विकास का एक जरिया बनना है। मोदी ने इसी के साथ महर्षि दयानंद सरस्वती के दिखाए रास्ते से करोड़ों लोगों में उम्मीद जगने की बात कही।

    महर्षि दयानंद ने की थी आर्य समाज की स्थापना

    महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था। वह एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने प्रचलित सामाजिक असमानताओं का मुकाबला करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक जागृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महर्षि दयानंद ने ही समाज में वेदों की समझ को पुनर्जीवित किया।

    यह भी पढ़ें- राम मंदिर पर फैसला सुनाकर सुर्खियों में आए थे जस्टिस एस. अब्दुल नजीर, अब बने आंध्रप्रदेश के गवर्नर