पीएम मोदी ने किसे कहा 'आंदोलनजीवी', बोले- देश को इन परजीवियों से बचने की जरूरत
पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम ने इश दौरान विपक्ष पर भी जमकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि देश में एक नया समुदाय आंदोलनजीवी पैदा हो गया है जो हर विरोध प्रदर्शनों में दिखाई देता है।

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष पर कई बार तंज कसा। पीएम ने कहा कि कुछ लोग किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। देश में एक नया समुदाय 'आंदोलनजीवी' पैदा हो गया है। जो हर विरोध प्रदर्शनों में देखा जा सकता है।
पीएम मोदा ने कहा, 'हम लोग कुछ शब्दों श्रमजीव और बुद्धिजीवी से बड़े परिचित हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है 'आंदोलनजीवी'। वकीलों का आंदोलेन हो, छात्रों का आंदोलन हो या मजदूरों का आंदोलन ये लोग हर जगह नज़र आते हैं। ये पूरी एक टोली है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती और आंदोलन से जीने के लिए रास्ते खोजती रहती है। हमें ऐसे लोगों की पहचान करनी होगी और उनसे राष्ट्र की रक्षा करनी होगी। वे परजीवी हैं।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग खासकर पंजाब के सिख भाईयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हुए हैं, ये देश हर सिख के लिए गर्व करता है। कुछ लोग उनके लिए जो भाषा बोलते हैं, उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं इससे कभी देश का भला नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत को अस्थिर, अशांत करने के लिए कुछ लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं हमें इन लोगों को जानना होगा।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र को विदेशी विनाशकारी विचारधारा के एक नए रूप से सावधान रहने की भी आवश्यकता है। दरअसल पीएम मोदी का यह बयान किसान आंदोलन के पीछे हो रही भारत को बंदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश के खुलासे के बाद सामने आया है। हाल ही में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन में विदेशी हस्तियों- पॉप स्टार रिहाना, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी मीना हैरिस, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और एडल्ट स्टार मिया खलिफा ने अपना समर्थन दिया है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें से ज्यादातक किसान पंजाब और हरियाणा से हैं, जो तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
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