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    संकट की घड़ी में पूरा देश पीड़ितों के साथ, नहीं होने देंगे धन की कमी; वायनाड में बोले PM मोदी

    केरल के वायनाड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने बाद लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि आपदा में पीड़ित अकेले नहीं हैं। उनके साथ सरकार और पूरा देश खड़ा है। पीएम मोदी ने केरल सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। बता दें कि 30 जुलाई को वायनाड में भूस्खलन हुआ था।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 10 Aug 2024 07:58 PM (IST)
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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड का किया दौरा।

    एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भूस्खलन प्रभावित केरल के वायनाड का दौरा किया। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया। पीएम मोदी ने कहा कि संकट की इस खड़ी में पूरा देश पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है। यह त्रासदी सामान्य नहीं है। सैकड़ों परिवारों के सपने उजड़ गए हैं। मैंने प्रकृति के रौद्र रूप को घटनास्थल पर जाकर देखा है।

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    मिलकर काम करने पर उत्तम परिणाम आता है

    राहत कैंपों में लोगों ने त्रासदी के बारे में पूरा विवरण बताया है। ऐसे संकट के समय जब साथ मिलकर काम करते हैं तो उत्तम परिणाम मिलता है। मैंने उसी दिन मुख्यमंत्री से बात की और हर प्रकार की व्यवस्था को भेजने का आश्वासन दिया था। तुरंत एक केंद्रीय राज्यमंत्री को भी भेजा। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस, डॉक्टर, सभी ने पीड़ितों की जल्द से जल्द मदद करने की कोशिश की।

    नहीं होने देंगे धन की कमी

    पीएम मोदी ने कहा कि मृतकों के परिवारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वे अकेले नहीं हैं। हम सभी उनके साथ खड़े हैं। सरकार ने आपदा प्रबंधन की राशि का काफी हिस्सा पहले ही दिया है। बाकी हिस्सा भी तुरंत जारी किया है। धन के अभाव में यहां कोई काम नहीं रुकेगा। केंद्र सरकार केरल सरकार के साथ खड़ी है।

    बहुत निकट से देखी ऐसी आपदा

    पीएम मोदी ने कहा कि मैंने ऐसी आपदा बहुत निकट से देखी है। 1979 में गुजरात का मोरबी शहर डैम टूटने की वजह से जलमग्न हो गया था। ढाई हजार से अधिक लोगों की जान गई थी। डैम मिट्टी का था। इस वजह से हर घर में मिट्टी भरी थी। मैं वहां छह महीने तक रहा था। मैं अनुभव कर सकता हूं वायनाड में कैसे परिवार के परिवार मिट्टी में बह होंगे। यह कितनी विकराल परिस्थिति रही होगी।

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