Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    India-Russia Relation: 'हम अपनी सेना में भारतीयों को शामिल नहीं करना चाहते थे', रूस ने बताई भर्ती करने की वजह

    Russia-India Relation पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता में व्यापार और आर्थिक संबंधों को पर फोकस रखा। पीएम ने इसी के साथ वहां कार्यरत भारतीयों को वापस भेजने की व्यवस्था का भी मुद्दा उठाया जिस पर रूस ने साथ देने का आश्वासन भी दिया। अब रूसी सेना में भारतीयों को शामिल करने के मुद्दे पर भी रूस का बयान सामने आया है।

    By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 11 Jul 2024 09:05 AM (IST)
    Hero Image
    India-Russia Relation: भारतीयों को सेना में शामिल करने की रूस ने बताई वजह। (फाइल फोटो)

    जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस (India-Russia Relation) दौरे के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कई मुद्दों पर वार्ता की। पीएम ने पुतिन से द्विपक्षीय बैठक भी की, जहां आर्थिक मोर्चे से लेकर रूस-यूक्रेन युद्द पर भी बात हुई। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान पीएम ने युद्ध के दौरान रूसी सेना में भारतीयों को शामिल करने का भी मुद्दा उठाया। जिसपर रूसी राजदूत रोमन बाबुश्किन का अब बयान सामने आया है।

    रूस ने भारतीयों को शामिल करने से किया इनकार

    रूस ने अपनी सेना में किसी अभियान के तहत भारतीयों को भर्ती की बात से साफ तौर पर इनकार किया है। भारत में रूस के प्रभारी राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा कि रूस ने अपनी सेना में भारतीयों को किसी अभियान के तहत शामिल नहीं किया और न वो ऐसा चाहता है। 

    भारतीयों को वापिस भेजा जाएगा

    इसी के साथ राजदूत ने यह भी आश्वासन दिया कि चाहे जिस भी स्थित में भारतीय वहां की सेना में शामिल हुए हों, उन्हें जल्द भारत भेजा जाएगा। बता दें कि पीएम मोदी द्वारा ये मुद्दा उठाए जाने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सभी भारतीयों को स्वदेश भेजने की बात कही थी।

    राजदूत ने बताया क्यों भारतीय सेना में हुए शामिल

    राजदूत ने आगे कहा कि हमने किसी भी भारतीय को सेना में शामिल करने का अभियान नहीं चलाया और न ही कोई विज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि अभी अधिकतम सौ भारतीय वहां की सेना के साथ जुड़े हों, लेकिन रूस की सेना के आकार को देखते हुए यह बहुत ही कम है। 

    राजदूत ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि जहां तक भारतीयों के सेना में जाने की बात है तो बहुत संभव है कि वह किसी वाणिज्यिक समझौते के तहत वो शामिल हुए, क्योंकि वह कुछ पैसा कमाना चाहते थे। हम उन्हें भर्ती करना नहीं चाहते थे।

    मारे गए लोगों को मिलेगी रूसी नागरिकता

    जब राजदूत से ये पूछा गया कि यूक्रेन युद्ध में जो भारतीय मारे गए, क्या उन्हें रूसी नागरिकता दी जाएगी तो उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है क्योंकि कई बार समझौते में इस तरह की शर्ते होती हैं।

    यह भी पढ़ें- वैश्विक स्तर पर अमेरिका, रूस और ग्लोबल साउथ के साथ संतुलन बनाने में कामयाब भारत