Move to Jagran APP

पीएम मोदी ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को किया संबोधित, कहा- विफल कुशासन के दुखद परिणाम भुगत रहे कई देश

पीएम मोदी ने गुरुवार को जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि आज की आपकी बैठक आम और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगी।

By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarPublished: Thu, 02 Mar 2023 09:32 AM (IST)Updated: Thu, 02 Mar 2023 09:32 AM (IST)
पीएम मोदी ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को किया संबोधित

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ''मैं G20 विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत में आपका स्वागत करता हूं। यह एकता, एक उद्देश्य और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता का संकेत देता है।'' 

loksabha election banner

'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की थीम पर हो रही बैठक

पीएम मोदी ने कहा, ''अपनी जी-20 अध्यक्षता के लिए भारत ने 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की थीम चुनी है। यह उद्देश्य की एकता और कार्रवाई की एकता की आवश्यकता को दर्शाता है। मैं आशा करता हूं कि आज की बैठक सामान्य और ठोस उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक साथ आने की भावना को दर्शाएगी।''

'विकासशील देशों को भुगतना पड़ रहा दुखद परिणाम'

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और युद्ध स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि वैश्विक शासन अपने दोनों जनादेशों में विफल रहा है। हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि इस असफलता का दुखद परिणाम विकासशील देशों को सबसे अधिक भुगतना पड़ रहा है। 

'भारत ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने की कोशिश की है'

पीएम मोदी ने कहा कि वर्षों की प्रगति के बाद आज हम सतत विकास लक्ष्यों की ओर पीछे जाने के जोखिम में हैं। कई विकासशील देश अपने लोगों के लिए भोजन और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश करते हुए अस्थिर ऋण से जूझ रहे हैं। वे अमीर देशों के कारण होने वाली ग्लोबल वार्मिंग से भी सबसे अधिक प्रभावित हैं। यही कारण है कि भारत की G20 प्रेसीडेंसी ने ग्लोबल साउथ को आवाज देने की कोशिश की है। 

'हमें सबके बारे में सोचना चाहिए'

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी समूह अपने निर्णयों से सर्वाधिक प्रभावित लोगों की बात सुने बिना वैश्विक नेतृत्व का दावा नहीं कर सकता। यह बैठक गहरे वैश्विक विभाजन के समय में हो रही है। विदेश मंत्रियों के रूप में ये स्वाभाविक है कि आपकी चर्चा भू-राजनीतिक तनावों से प्रभावित होगी। हम सभी को अपने दृष्टिकोण रखने चाहिए कि इन तनावों को कैसे सुलझाया जाना चाहिए। हमें उनके बारे में भी सोचना चाहिए, जो कमरे में नहीं हैं।

'बहुपक्षवाद आज संकट में है'

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी को यह स्वीकार करना चाहिए कि बहुपक्षवाद आज संकट में है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनाई गई वैश्विक शासन की वास्तुकला दो कार्यों को पूरा करने के लिए थी, पहला-प्रतिस्पर्धी हितों को संतुलित करके भविष्य के युद्धों को रोकने के लिए और दूसरा- सामान्य हित के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।

'कई संकटों का कर रहे सामना'

विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने कहा कि हम पहली बार एक वैश्विक संकट के बीच एक साथ आए और आज फिर हम कई संकटों का सामना कर रहे हैं। इनमें कोविड महामारी, नाजुक आपूर्ति श्रृंखला, चल रहे संघर्षों के प्रभाव, ऋण संकट की चिंता और जलवायु घटनाओं में व्यवधान शामिल हैं।

एक मिनट का रखा गया मौन

बता दें, दिल्ली में जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक की शुरुआत करने से पहले तुर्किए और सीरिया में हाल ही में आए भूकंपों में जान गंवाने वाले लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा गया। इस भूकंप में तुर्किये और सीरिया में काफी तबाही मचाई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.