जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे पीएम मोदी, जानिए क्यों खास है ये दौरा
PM Modi in Canada प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंच गए हैं। अल्बर्टा के कनाकास्किस में सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जहां पीएम मोदी जल्द ही जाएंगे। भारत और कनाडा के बीच तनाव के बाद यह उनकी पहली कनाडा यात्रा है। 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह पुरी की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई थी।
एएनआई, कैलगरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51वें जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंच चुके हैं। अल्बर्टा के कनाकास्किस में जी-7 सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कनाडा के कैलगरी पहुंचे पीएम मोदी जल्द ही कनाकास्किस का रूख करेंगे।
कनाडाई पीएम ने भेजा था बुलावा
प्रधानमंत्री मोदी कनाडाई पीएम मार्क कार्नी के बुलावे पर जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। 16-17 जून के इस सम्मेलन में फ्रांस, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, जापान और इटली के प्रमुख हिस्सा लेते हैं। यह लगातार छठी बार है जब पीएम मोदी जी-7 समिट का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
#WATCH | Canada: PM Narendra Modi receives a warm welcome as he lands in Calgary. He will attend the 51st G7 Summit in Kananaskis, Alberta. #PMModiAtG7
Source: DD https://t.co/lK5LNoG8Qy pic.twitter.com/4dga9ufQG7
— ANI (@ANI) June 17, 2025
ट्रंप से नहीं होगी पीएम मोदी की मुलाकात
बता दें कि जी-7 सम्मलेन का पहला दिन शानदार रहा। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीच में ही वापस चले गए। ऐसे में पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात अब नहीं हो सकेगी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने ट्रंप की वापसी की जानकारी देते हुए कहा-
राष्ट्रपति ट्रंप ने जी-7 सम्मेलन में यूके के पीएम कीर स्टार्मर से मुलाकात कर प्रमुख व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किया। हालांकि , मिडिल-ईस्ट की स्थिति के कारण राष्ट्रपति ट्रंप राष्ट्रध्यक्षों के साथ डिनर नहीं कर पाए।
क्यों खास है पीएम मोदी का कनाडा दौरा?
बता दें कि भारत और कनाडा के तनाव के बीच तनाव के बाद यह पीएम मोदी पहली बार कनाडा गए है। 2023 में कनाडा के गुरुद्वारे के बाहर खालिस्तनी आतंकवादी हरदीप सिंह पुरी की हत्या हो गई थी, जिसमें भारतीय एजेंट के शामिल होने का दावा किया गया था। इसके बाद से ही नई दिल्ली और ओटावा के रिश्तों में खटास देखने को मिली। तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी भारत के साथ रिश्ते खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
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