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    'RSS की वजह से मैं मराठी सीख पाया', संघ की तारीफ में और क्या बोले पीएम मोदी?

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Sat, 22 Feb 2025 11:27 AM (IST)

    PM Modi praised RSS पीएम मोदी ने कहा कि संघ की वजह से ही मैंने मराठी भाषा सीखी और संस्कृति से जुड़ने का मौका मिला। पीएम ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान ही मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया जो एक बड़ी उपलब्धी है। पीएम ने कहा कि इसका दुनिया भर में 12 करोड़ मराठी भाषी लोग इंतजार कर रहे थे।

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    PM Modi praised RSS पीएम ने संघ की तारीफ की।

    एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की खूब तारीफ की। पीएम ने कहा कि संघ की वजह से ही मैंने मराठी भाषा सीखी और संस्कृति से जुड़ने का मौका मिला।

    12 करोड़ लोगों की इच्छा हुई पूरी

    प्रधानमंत्री ने आरएसएस का आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान ही मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया, ये एक बड़ी उपलब्धी है। पीएम ने कहा कि इसका दुनिया भर में 12 करोड़ मराठी भाषी लोग इंतजार कर रहे थे।

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    पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 

    संघ की वजह से ही मैं मराठी भाषा और संस्कृति से जुड़ पाया। कुछ महीने पहले ही मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया। दुनिया में 12 करोड़ से अधिक लोग मराठी बोलते हैं। मुझे मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का अवसर मिला और मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं।

    सांस्कृतिक 'यज्ञ' करने में लगा है RSS

    मराठी संस्कृति और भाषा सीखने का श्रेय आरएसएस को देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संघ युवाओं को भारत की संस्कृति का उपदेश देने के लिए सांस्कृतिक 'यज्ञ' करने में लगा हुआ है।

    पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह सम्मेलन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया जा रहा है। मुझे एक मराठी भाषी व्यक्ति भी याद है, जिसने लगभग 100 वर्ष पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। आरएसएस अपनी शताब्दी मना रहा है और साथ ही विवेकानंद की तरह युवाओं को भारत की संस्कृति का उपदेश देने के लिए सांस्कृतिक यज्ञ भी कर रहा है। 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि मराठी साहित्य सम्मेलन किसी भाषा या राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता के संघर्ष का सार दर्शाता है। यह महाराष्ट्र और देश की सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए है।