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    PM Modi on SC Judgement: 'स्वागतम', वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया

    PM Modi on SC Judgment वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही 26 साल पुराने फैसले को पलटते हुए सांसदों को राहत देने पर असहमति जताई है। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी भ्रष्टाचार करने की छूट नहीं दी जा सकती है और न किसी को कानूनों का उल्लंघन करने का विशेषाधिकार नहीं है। अब इस फैसले पर पीएम मोदी का रिएक्शन आया है।

    By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 04 Mar 2024 12:59 PM (IST)
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    PM Modi on SC Judgment सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मोदी का बयान।

    एजेंसी, नई दिल्ली। PM Modi on SC Judgment सुप्रीम कोर्ट ने आज वोट के बदले नोट मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने ही 26 साल पुराने फैसले को पलटते हुए सांसदों को राहत देने पर असहमति जताई है। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी भ्रष्टाचार करने की छूट नहीं दी जा सकती है और न किसी को कानूनों का उल्लंघन करने का विशेषाधिकार नहीं है।

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    पीएम मोदी का आया बयान

    अब शीर्ष न्यायालय के इस फैसले पर पीएम मोदी का रिएक्शन आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "सुप्रीम कोर्ट का एक महान निर्णय लिया है, जो स्वच्छ राजनीति सुनिश्चित करेगा और सिस्टम में लोगों का विश्वास गहरा करेगा।''

    SC ने क्या सुनाया फैसला?

    सात जजों की संविधान पीठ ने आज सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर सांसद पैसे लेकर सदन में भाषण या वोट देते हैं तो उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 105 का हवाला देते हुए कहा कि किसी को घूसखोरी की कोई छूट नहीं है, चाहे वो सांसद हो या विधायक।

    1998 में क्या दिया था फैसला?

    फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम पीवी नरसिम्हा मामले में फैसले से असहमत हैं। दरअसल, पीवी नरसिम्हा राव बनाम सीबीआई मामले में 26 साल पहले यानी वर्ष 1998 में सदन में ‘वोट के बदले नोट’ मामले में सांसदों को मुकदमे से छूट की बात कही गई थी।

    भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी लोकतंत्र के लिए खतरा

    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि देश में अगर विधायक और सांसद ही भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी करेंगे, तो वो लोकतंत्र को नष्ट करने का काम करेंगे। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई संसद में सवाल पूछने या वोट देने के लिए पैसे लेता है, तो वो मुकदमे का सामना करने से छूट का दावा नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वोट देने या प्रश्न पूछने के लिए पैसे लेना भारतीय संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली को नष्ट कर देगा।