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    PM Modi on Coronavirus: 21 दिन नहीं चेते तो 21 साल पीछे चले जाएंगे, जानें- इसके मायने

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Tue, 24 Mar 2020 10:50 PM (IST)

    PM Modi on Coronavirus पीएम मोदी ने मंगलवार सुबह जब देश को संबोधित करने का ऐलान किया तभी ये कयास लगाए जाने लगे थे कि वो पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा कर सकते हैं।

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    PM Modi on Coronavirus: 21 दिन नहीं चेते तो 21 साल पीछे चले जाएंगे, जानें- इसके मायने

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। PM Modi on Coronavirus: कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। मंगलवार (24 मार्च 2020 की) शाम 8 बजे इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान गंभीरता से लॉकडाउन का पालन करें। कितना भी जरूरी हो, घर से बाहर कदम न निकालें। इस अवसर पर पीएम ने यह भी कहा कि अगर हमने इस लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं किया तो हमारा परिवार और देश 21 वर्ष पीछे चला जाएगा। आइये जानते हैं, पीएम मोदी के इस बयान का आखिर मतलब क्या है?

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    मालूम हो कि इस वैश्विक महामारी से भारत समेत दुनिया के कई देश पूरी तरह से लॉकडाउन हैं। जिन देशों में लॉकडाउन नहीं है, वहां भी दैनिक जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित है। इसका सबसे ज्यादा असर विभिन्न मुल्कों की इकोनॉमी से लेकर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। कोरोना वायरस की वजह से इन दिनों पूरी दुनिया बेहद गंभीर आर्थिक स्थिति का सामना कर रही है। दुनिया भर के शेयर बाजार रिकॉर्ड गोता लगा रहे हैं। भारत समेत तमाम देशों में मार्केट, उद्योग-धंधे, आयात-निर्यात समेत लगभग सभी औद्योगिक और कमर्शियल गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं। केवल जरूरी उद्योगों को ही काम करने की इजाजत दी गई है।

    अगर भारत की बात करें तो यहां भी अधिकांश आर्थिक क्रियाकलाप लगभग ठप पड़ गए हैं। इससे लाखों लोगों की नौकरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। रेलवे और हवाई मार्ग समेत यातायात के सभी साधन बंद हैं। बसों का संचालन बेहद सीमित है। इस महामारी ने आम और खास सभी को प्रभावित किया है। भारत जैसे सघन आबादी वाले देश में इस महामारी के अनियंत्रित होने की आशंका काफी ज्यादा है। एक बार स्थिति अनियंत्रित हुई तो इसे संभालने में कई महीनों का वक्त लग सकता है।

    देश-दुनिया में उद्योग-धंधे बंद होने की वजह से दैनिक वेतनभोगियों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पर्यटन से लेकर एयरलाइंस इंडस्ट्री, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, गारमेंट इंडस्ट्री समेत अधिकांश बुरे दौर से गुजर रही है। अगर स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो उद्योगों को काफी लंबे वक्त तक बंदी का सामना करना पड़ सकता है। इससे अर्थव्यवस्था की कमर टूट सकती है। इसका सीधा असर नौकरियों पर होगा। इस तरह से आम लोगों का जीवन आर्थिक तौर पर 21 वर्ष पीछे जा सकता है, यानी आर्थिक रूप से पिछले 21 साल में की गई तरक्की पर पानी फिर सकता है। उधर, इस महामारी के अनियंत्रित होने पर देश को चिकित्सकीय सेवाओं पर भारी खर्च करना पड़ेगा। इससे देश की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब होकर, 21 वर्ष पुराने दौर में पहुंच सकती है।