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    ब्रिटेन के अर्थशास्त्री ने PM मोदी के नेतृत्व को सराहा, कहा- चिनफिंग की तुलना में दिखते हैं दूरदर्शी नेता

    ब्रिटेन के अर्थशास्त्री जिम ओनील ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तुलना में दूरदर्शी राजनेता की तरह दिखते हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में इस बात की और पुष्टि की गई है कि जी-20 वैश्विक समस्याओं का वास्तविक समाधान पेश करने के मामले में एकमात्र संगठन है।

    By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 14 Sep 2023 10:10 PM (IST)
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    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, पीटीआई। ब्रिटेन के अर्थशास्त्री जिम ओ'नील ने कहा है कि जी-20 घोषणापत्र वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए ठोस प्रयासों की दिशा में पहला कदम हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) अब चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) की तुलना में 'दूरदर्शी राजनेता' की तरह दिखते हैं।

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    ओ'नील ने ही ब्राजील, रूस, भारत और चीन के समूह को 'ब्रिक' नाम दिया था, जिसमें दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने पर इसका नाम 'ब्रिक्स' हो गया है।

    क्या कुछ बोले जिम ओ'नील?

    उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में जारी घोषणापत्र में इस बात की और पुष्टि की गई है कि जी-20 वैश्विक समस्याओं का वास्तविक समाधान पेश करने के मामले में एकमात्र संगठन है।

    उन्होंने 'प्रोजेक्ट सिंडिकेट' पर एक लेख में कहा कि न तो ब्रिक्स और न ही जी-7 के पास जलवायु परिवर्तन से लेकर यूक्रेन युद्ध और आर्थिक स्थिरता जैसी चुनौतियों से निपटने की प्रामाणिकता या क्षमता है। उन्होंने कहा,

    भारत-चीन में एकजुटता की कमी नए ब्रिक्स के लिए एक बड़ी बाधा होगी, जिसमें हाल ही में छह नए सदस्यों को शामिल किया गया है।

    जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए चीनी राष्ट्रपति

    ओ'नील ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में शी की अनुपस्थिति ने दोनों देशों के बीच विभाजन को गहरा कर दिया है। कई लोगों को लगता है चिनफिंग ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित करने के लिए शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया।

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    ब्रिटिश अर्थशास्त्री ने कहा कि चाहे जो भी मकसद हो, उनके फैसले से यह असर हुआ कि हालिया ब्रिक्स बैठक के महत्व को कम करके देखा जा रहा है, जिसे कई लोगों ने चीन की जीत के रूप में देखा था।