पीएम मोदी से मिले मोहन भागवत, PM आवास में करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। यह मुलाकात पहलगाम हमले के बाद हुई है। जानकारी के मुताबिक करीब डेढ़ घंटे तक दोनों के बीच बातचीत हुई। बता दें कि आरएसएस प्रमुख से हुई मुलाकात से पहले पीएम मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग की थी जिसमें तीनों सेना के प्रमुख मौजूद थे। पीएम ने कहा कि सरकार को सेना पर पूरा भरोसा है।

एएनआई, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके आवास सात, लोक कल्याण मार्ग में मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि यह बैठक पहलगाम आतंकी हमले को लेकर थी।
सत्ताधारी भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक और समूचे देश में स्वयंसेवकों के विशाल संगठन वाले आरएसएस के मुखिया के साथ यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भागवत ने नरेन्द्र मोदी के आधिकारिक निवास पर बेहद ही कम मौकों पर मुलाकात की है।
आतंकी हमले पर क्या बोला संघ?
संघ ने इस आतंकी हमले की ¨नदा करते हुए कहा था कि यह भारत की एकता और अखंडता पर हमला है और इसके पीछे के सभी लोगों को कठोर सजा दी जाए। आरएसएस ने कहा था,"सभी राजनीतिक दलों और संघों को अपने मतभेद भुलाकर इस आतंकी हमले की ¨नदा करनी चाहिए। सरकार इस हमले में पीड़ित सभी परिवारों को आवश्यक राहत प्रदान करे और इस हमले के जिम्मेदार लोगों को उचित सजा देना सुनिश्चित करे।"
मोहन भागवत से मुलाकात करने से पहले पीएम आवास में हाई लेवल मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल और CDS जनरल अनिल चौहान और थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी मौजूद थे।
मीटिंग में पीएम मे कहा कि सरकार को भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है। वहीं, अटैक का तरीका और समय सेना तय करे। पीएम मोदी ने आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए सेना को खुली छूट दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं में पूर्ण विश्वास और भरोसा जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें (भारतीय सेना) हमारी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी परिचालन स्वतंत्रता है।
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