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    चीन के तेवर पड़े नरम! PM मोदी से शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद लद्दाख में LAC से सैनिकों की वापसी पर बनी सहमति

    By AgencyEdited By: Mahen Khanna
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 09:23 AM (IST)

    PM Modi meeting with Xi Jinping पीएम मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में चीन का नरम पड़ता रुख दिखा। दोनों नेताओं की मुलाकात में LAC का मुद्दा उठा। पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार आम हितों को पूरा करता है और क्षेत्र और दुनिया की शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल है।

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    PM Modi meeting with Xi Jinping मोदी और शी में बैठक।

    नई दिल्ली, एजेंसी। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात हुई। दोनों नेताओं की मुलाकात में LAC का मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। भारत के सख्त रुख के बाद चीन के तेवर अब नरम पड़ते दिख रहे हैं। 

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    चिनफिंग बोले- संबंधों में सुधार जरूरी

    पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार आम हितों को पूरा करता है और क्षेत्र और दुनिया की शांति और स्थिरता के लिए अनुकूल है। 

    LAC से सैनिकों की वापसी पर सहमति

    भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर "अनसुलझे" मुद्दों पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया। पीएम ने शी से सीधे शब्दों में कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना सामान्य स्थिति के लिए आवश्यक है। 

    क्वात्रा ने कहा, 

    इस संबंध में दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से शीघ्रता से सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए हैं। 

    विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का निरीक्षण और सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य ब्रिक्स नेताओं के साथ भी बातचीत की।

    चीनी दूतावास का भी आया जवाब 

    दोनों नेताओं की साउथ अफ्रीका में बैठक के बाद दिल्ली में चीनी दूतावास का भी बयान सामने आया। चीनी दूत ने कहा कि दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके।