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    'मुझे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं तैयार हूं', ट्रंप टैरिफ पर पीएम मोदी का आया पहला रिएक्शन

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 10:29 AM (IST)

    PM Modi first reaction on Trump tariff अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ोतरी के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लिए किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है चाहे कोई भी कीमत चुकानी पड़े। उन्होंने एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि भारत किसानों मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा।

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    ट्रंप के टैरिफ बढ़ोतरी के एलान के बाद पीएम मोदी का आया बयान

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ बढ़ोतरी के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज पहला रिएक्शन आया है। पीएम मोदी ने परोक्ष रूप से कहा कि हमारे लिए, हमारे किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है, चाहे उसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

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    पीएम ने आगे कहा,

    भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मैं व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, मुझे इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। आज, भारत देश के किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए तैयार है।

    एमएस स्वामीनाथन पर बोले पीएम

    एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रो. स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव कई वर्षों पुराना है। बहुत से लोग गुजरात के शुरुआती हालातों से वाकिफ हैं। पहले सूखे और चक्रवातों के कारण कृषि को काफी संकट का सामना करना पड़ता था और कच्छ में रेगिस्तान का विस्तार हो रहा था। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर काम शुरू किया था।

    तब प्रो. स्वामीनाथन ने इसमें काफी रुचि दिखाई, उन्होंने खुलकर हमें सुझाव दिए और हमारा मार्गदर्शन किया। उनके योगदान के कारण, इस पहल को जबरदस्त सफलता मिली।

    भारत माता के सच्चे सपूत थे एमएस स्वामीनाथन

    पीएम ने आगे कहा, कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनका योगदान किसी एक युग या किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं होता। प्रो. एमएस स्वामीनाथन ऐसे ही एक महान वैज्ञानिक थे, भारत माता के सच्चे सपूत। उन्होंने विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने देश की खाद्य सुरक्षा को अपने जीवन का ध्येय बनाया। उन्होंने एक ऐसी चेतना जागृत की जो आने वाली कई शताब्दियों तक भारत की नीतियों और प्राथमिकताओं का मार्गदर्शन करती रहेगी।