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सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में पीएम मोदी ने उत्‍तरी सीमा पर सशस्‍त्र बलों के दृढ़ संकल्प को सराहा, जानें क्‍या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केवडिया में सैन्य कमांडरों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट और उत्तरी सीमा पर चुनौतीपूर्ण स्थिति के संदर्भ में पिछले एक साल में भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से दिखाए गए दृढ़ संकल्प के लिए उनकी प्रशंसा की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 10:55 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 07:35 AM (IST)
सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में पीएम मोदी ने उत्‍तरी सीमा पर सशस्‍त्र बलों के दृढ़ संकल्प को सराहा, जानें क्‍या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केवडिया में सैन्य कमांडरों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित किया।

केवडिया, एजेंसियांप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को केवडिया में सैन्य कमांडरों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट और उत्तरी सीमा पर चुनौतीपूर्ण स्थिति के संदर्भ में पिछले एक साल में भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से दिखाए गए दृढ़ संकल्प के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्‍होंने निर्णय लेने की गति को तेज करने के लिए समग्र नजरिए का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने इस साल की कांफ्रेंस में जूनियर कमीशन अधिकारियों और गैर-कमीशन अधिकारियों को शामिल किए जाने की विशेष रूप से सराहना की।

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बदलाव लाकर और भी मजबूत होना पड़ेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय को अपनी सशस्त्र सेनाओं पर बहुत गर्व है। उनका शौर्य अद्भुत है। पिछले साल कोरोना संकट और देश की उत्तरी सीमा पर उत्पन्न स्थिति के दौरान हमारे जवानों ने जो साहस दिखाया वह बहुत ही सराहनीय है। सशस्त्र बलों को अपने में बदलाव लाकर और भी मजबूत होना पड़ेगा। 

स्वदेशीकरण पर जोर 

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरणों और हथियारों के मामले में ही नहीं सशस्त्र बलों में प्रचलित सिद्धांतों, प्रक्रियाओं और रीति-रिवाजों में भी हमें स्वदेशीकरण अपनाना होगा। तभी हम रक्षा चुनौतियां का बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकेंगे।

तेज गति से निर्णय लेना होगा 

पीएम मोदी ने कहा कि सैन्य और नागरिक क्षेत्र में हमें अपनी मानवशक्ति का बेहतर से बेहतर नियोजन करना चाहिए। उन्होंने कहा हि हमें अपनी सुरक्षा के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना होगा। मिलिट्री और सिविल के खांचे को तोड़ने के साथ हमें तेज गति से निर्णय लेने की प्रवृत्ति विकसित करनी होगी। 

प्रथाओं से मुक्त करने की सलाह दी 

प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को उपयोगिता और प्रासंगिकता खो चुकी विरासत प्रणालियों और प्रथाओं से खुद को मुक्त करने की सलाह भी दी। तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को 'भविष्य की ताकत' एक के रूप में विकसित करने की आवश्यकता भी बताई।

आजादी के 75 साल पूरे होने पर कई कार्यक्रम 

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अगले साल अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने पर धूमधाम से विविध कार्यक्रम आयोजित करेगा। सशस्त्र बलों को भी इस अवसर का सदुपयोग करते हुए इस तरह की गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए जिनसे देश के युवा प्रेरणा ले सकें।

मुख्यमंत्री ने किया स्‍वागत 

इससे पूर्व दिन में प्रधानमंत्री के दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचने पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने एयरपोर्ट पर स्वागत किया। स्वागत के बाद कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए पीएम हेलीकाप्टर से केवडि़या रवाना हो गए।

सशस्त्र बलों का इनोवेशन देखा 

प्रधानमंत्री ने बताया कि संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसमें सशस्त्र बलों के कुछ इनोवेशन देखने को मिले। कमांडरों का यह सम्मेलन बेहद उपयोगी रहा। इसमें विभिन्न सामरिक विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। इसमें भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया और इसके लिए सरकार ने अपने समर्थन को दोहराया। 


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