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    जवानों के साथ बॉर्डर पर पीएम मोदी के दीवाली मनाने पर डिफेंस एक्सपर्ट्स ने क्या कहा

    By TaniskEdited By:
    Updated: Sun, 15 Nov 2020 11:13 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भी लोंगेवाला अग्रिम चौकी पर पहुंचकर दीपावाली सैनिकों के साथ मनाई। वह लगातार पिछले सात सालों से सैनिकों के साथ दीवाली मना रहे हैं। इसे लेकर रक्षा विशेषज्ञों ने उनकी काफी तारीफ की है।

    रक्षा विशेषज्ञ सतीश दुआ और एसपी सिन्हा। (फोटो- एएनआइ)

     नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भी दीपावाली सैनिकों के साथ मनाई। उन्होंने शनिवार को लोंगेवाला अग्रिम चौकी पर सैनिकों को शुभकामना देने के साथ-साथ संबोधित भी किया। रक्षा विशेषज्ञों ने इसके लिए उनकी तारीफ की है और कहा है कि इससे सेना का मनोबल बढ़ता है। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए, रक्षा विशेषज्ञ सतीश दुआ ने कहा कि यह एक बहुत अच्छा कदम है। जब भी वरिष्ठ या प्रतिष्ठित व्यक्ति फ्रंटलाइन पर जाते हैं, तो यह सेना का मनोबल बढ़ाता है। पीएम मोदी पिछले सात वर्षों से अपनी दीवाली अग्रिम मोर्चे  पर मना रहे हैं। सीमा पर तैनात सैनिकों की जान पर हमेशा जोखिम बना रहता है और उन्हें त्योहारों पर घर  आने का मौका नहीं मिलता। 

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    एक अन्य रक्षा विशेषज्ञ, एसपी सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कदम दर्शाता है कि वह भारतीय सेना के जवानों को अपना परिवार मानते हैं। 2014 के बाद से हर साल, वह सैनिकों के साथ दिवाली मनाते रहे हैं। इसका अर्थ है कि वह भारतीय सेना को अपना परिवार मानते हैं। वह इस महान परिवार के पिता जैसे हैं।

    एसपी सिन्हा ने आगे कहा, ' प्रधानमंत्री का यह कदम कई संदेश देता है। जैसे - पीएम मोदी भारतीय सशस्त्र बलों का सम्मान करते हैं। वह सैनिकों द्वारा दिए गए बलिदानों का भी सम्मान करता है। इससे भारतीय सैनिकों का मनोबल बढ़ता है। यह दुश्मनों को एक संदेश यह भी भेजता है कि प्रधानमंत्री पूरी तरह सेना का समर्थन करते हैं। पिछली सरकारों ने 'यूज एंड थ्रो' नीति का इस्तेमाल किया।

    इस बीच, मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम की सराहना की है। यह एक बहुत ही स्वागत योग्य पहल है। यह एक अच्छी परंपरा है, जिसकी उन्होंने शुरुआत की है और वह सातवें वर्ष ऐसा कर रहे हैं। वह सैनिकों के पास जाते हैं और उन्हें यह एहसास दिलाता है कि वे अकेले नहीं हैं और पूरा देश उनके साथ है। इससे सेना का मनोबल काफी ऊंचा होता है।