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    PM Modi ने UN में सुधार का किया आह्वान, कहा- 20वीं सदी के मध्य का दृष्टिकोण अब दुनिया की सेवा नहीं कर सकता

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sun, 03 Sep 2023 02:24 PM (IST)

    पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी के मध्य का दृष्टिकोण 21वीं सदी में दुनिया की सेवा नहीं कर सकता। इसलिए हमारे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को बदलती वास्तविकताओं को पहचानने अपने निर्णय लेने वाले मंचों का विस्तार करने अपनी प्राथमिकताओं पर फिर से विचार करने और उन आवाजों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की जरूरत है जो मायने रखती हैं।

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    पीएम मोदी ने यूएनएससी में सुधार का किया आह्वान

    नई दिल्ली, पीटीआई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में सुधार का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी के मध्य का दृष्टिकोण 21वीं सदी में दुनिया की सेवा नहीं कर सकता। इसलिए हमारे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को बदलती वास्तविकताओं को पहचानने, अपने निर्णय लेने वाले मंचों का विस्तार करने, अपनी प्राथमिकताओं पर फिर से विचार करने और उन आवाजों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की जरूरत है, जो मायने रखती हैं। जब यह समय पर नहीं किया जाता है तो छोटे या क्षेत्रीय मंचों को अधिक महत्व मिलना शुरू हो जाता है।

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    G20 को 'आशा' के साथ देख रहे कई देश: मोदी

    पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में G20 को लेकर खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जी-20 उन संस्थानों में से एक है, जिसे कई देश 'आशा' के साथ देख रहे हैं, क्योंकि दुनिया कार्यों और परिणामों की तलाश में है, चाहे वे कहीं से भी आएं। 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि G20 ने भारत को अपनी मानव-केंद्रित दृष्टि को आगे बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान किया है और मानवता के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सहयोगात्मक रूप से काम किया है।

    जी-20 का अध्यक्ष है भारत

    गौरतलब है कि भारत इस समय G20 का अध्यक्ष हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन राजधानी दिल्ली में नौ और 10 सितंबर को किया जाएगा, जिसमें विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष, शासनाध्यक्ष और प्रतिनिधि शामिल होंगे। 

    लंबे समय से UNSC में सुधार का मांग कर रहा भारत

    भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार के लिए दबाव डाल रहा है। वह सुरक्षा परिषद सुधार पर अंतरसरकारी वार्ता (आईजीएन) में कोई सार्थक प्रगति नहीं होने से नाराज है। भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

    पांच देशों को मिला है वीटो पावर

    मौजूदा समय में यूएनएससी में पांच स्थायी सदस्य और 10 गैर-स्थायी सदस्य देश शामिल हैं। गैर-स्थायी सदस्य संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं। पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। इनके पास वीटो पावर है। दुनिया के कई देश स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।