Exclusive: पीएम मोदी के भाई पंकज ने बताया कौन हैं अब्बास, बोले- मां हीराबा से है विशेष लगाव, पूछते रहते हैं हाल-चाल
पंकज बताते हैं हमें नहीं पता था कि नरेंद्र भाई कोई ब्लाग लिख रहे हैैं। जैसे सब लोगों को सुबह जानकारी मिली हम लोगों ने भी तब ही पढ़ा। उन्होंने हम लोगों की बचपन की यादें ताज कर दीं।

रुमनी घोष, नई दिल्ली: बीते दिनों अपनी मां हीराबा के सौवें जन्मदिन पर पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखे गए ब्लाग में स्थान पाए अब्बास रामसदा को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है। लोगों में उनके बारे में जानने की उत्सुकता है। अब्बास अब भले ही आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रहते हैं, लेकिन जब वह गुजरात में थे तो चाय पर सहकर्मियों को पीएम मोदी और उनके परिवार के संग बिताए बचपन के दिनों की बातें बताया करते थे। दैनिक जागरण से सोमवार को फोन पर बातचीत करते हुए अब्बास के सहकर्मी केतन प्रजापति और पीएम के छोटे भाई पंकज मोदी ने उन सुनहरे दिनों की यादों का पिटारा खोला। केतन के अनुसार अब्बास हमें बताते थे कि किस प्रकार गुजरात के वडनगर में मोदी परिवार में उन्हें लंबे समय तक घर जैसा प्यार-दुलार मिला। वहीं, पंकज मोदी ने बताया कि मां से उन्हें विशेष स्नेह है और उनके हाल-चाल पूछते रहते हैं।
केतन प्रजापति- फाइल फोटो
जब अब्बास सर सुनाते थे किस्से: गुजरात स्टेट सिविल सप्लाइज कारपोरेशन, गांधी नगर में अब्बास रामसदा के साथ काम कर चुके केतन प्रजापति ने बताया कि मेरी पदस्थापना वर्ष 2013 में गांधीनगर में हुई थी। अब्बास सर भी वहीं पदस्थ थे और क्लास-2 अधिकारी थे। चाय पीते-पीते कई बार वह पीएम मोदी (उस वक्त वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे) और उनके परिवार के बीच करीबी रिश्ते के बारे में बताते थे। अब्बास सर पुराने दिनों को याद कर बताते थे कि कैसे वडनगर में उन्हें मोदी परिवार में घर सा स्नेह मिला। केतन ने बताया कि जब पीएम मोदी ने दो दिन पहले ब्लाग लिखा और उसमें अब्बास सर का उल्लेख किया तो इसे पढऩे के बाद मैंने सर के फेसबुक पेज पर पोस्ट डाली। हालांकि अभी तक उनका जवाब नहीं आया है।
अब्बास- फाइल फोटो
पीएम के छोटे भाई के थे सहपाठी: अब्बास पीएम के छोटे भाई पंकज मोदी के सहपाठी रहे हैैं। मोदी के घर में रहते हुए ही अब्बास ने नौंवी और दसवीं की पढ़ाई पूरी की थी। वर्तमान में मां हीराबा के साथ गांधीनगर में रह रहे पंकज मोदी उन पलों को याद करते हुए कहते हैं, अभी थोड़े समय पहले ही अब्बास से बात हुई थी। हम लोग सहपाठी थे, दोस्त थे, लेकिन मां से उनका स्नेह अलग ही था। मैैं यदि उस परिवार का सबसे छोटा बेटा था तो अब्बास को भी मां से उतना ही दुलार मिलता था। यही वजह थी कि बाद में भी उनका मां से अलग ही जुड़ाव रहा। समय-समय पर वह मां की खोज-खबर पूछते रहे। खुशी हो या गम अब्बास की मौजूदगी हमारे परिवार में हमेशा बनी रही।
मां के हाथ का हलवा बहुत पसंद था: पंकज मोदी ने बताया कि खुशी का मौका हो या तीज-त्योहार, मां हलवा बनाती थीं। अब्बास को मां के हाथ का हलवा बहुत पसंद था। मैैं भी कई बार उनके घर गया। उनकी मां भी मेरे लिए हलवा बनाती थीं। मुझे वह हलवा पसंद आता था।
काली शर्ट और वह तस्वीर: पंकज बताते हैं कि मेरे पास एक काली शर्ट हुआ करती थी। मुहर्रम के दौरान अब्बास वह शर्ट पहनते थे। हम दोनों की एक तस्वीर भी थी। उसका एक फ्रेम मेरे घर की दीवार पर और दूसरा अब्बास के घर की दीवार पर लगा रहता था।
हमें भी नहीं पता था कि नरेन्द्र भाई ब्लाग लिख रहे हैं: पंकज बताते हैं कि हमें नहीं पता था कि नरेन्द्र भाई कोई ब्लाग लिख रहे हैं। जैसे सब लोगों को सुबह जानकारी मिली, हम लोगों ने भी तब ही पढ़ा। उन्होंने हम लोगों की बचपन की यादें ताज कर दीं।
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