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PM KISAN scheme: 20 लाख अयोग्य लाभार्थियों को दिया गया 1364 करोड़, पंजाब और असम सबसे आगे

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) को केंद्र द्वारा 2019 में लॉन्च किया गया था और इस योजना के तहत तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6000 रुपये का भुगतान किया जाता है। अब तक गलत लोगों को 1364 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 09:25 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 09:25 AM (IST)
PM KISAN scheme: 20 लाख अयोग्य लाभार्थियों को दिया गया 1364 करोड़, पंजाब और असम सबसे आगे
आरटीआइ के तहत पता चला है कि आयकर भरने वाले किसान भी सरकार से पैसे ले रहे हैं।

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 20.48 लाख अयोग्य लाभार्थियों को 1,364 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में दी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में की थी। इसके तहत सीमांत और छोटे किसानों को साल में तीन बराबर-बराबर किस्तों में कुल छह हजार रुपये की राशि दी जाती है।

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आरटीआइ आवेदन के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि अयोग्य लाभार्थियों की दो श्रेणियों की पहचान की गई है। इनमें पहली श्रेणी में योग्यता पूरी नहीं करने वाले किसान हैं, जबकि दूसरी श्रेणी आयकर भरने वाले किसानों की है। आरटीआइ आवेदक वेंकटेश नायक ने ये आंकड़े सरकार से प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा, अयोग्य लाभार्थियों में आधे से अधिक (55.58 फीसद) आयकरदाता की श्रेणी में हैं। बाकी 44.41 फीसद वे किसान हैं, जो योजना की अर्हता पूरी नहीं करते हैं।

उन्होंने बताया कि मीडिया में आई खबर के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों को भुगतान की गई राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, सरकार के अपने आंकड़े संकेत देते हैं कि राशि गलत हाथों में गई। आरटीआइ आवेदक ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों की बड़ी संख्या पांच राज्यों-पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश-में है। सूचना के मुताबिक, पंजाब शीर्ष पर है जहां कुल अयोग्य लाभार्थियों में 23.16 फीसद (यानी 4.74 लाख) रहते हैं। इसके बाद 16.87 फीसद (3.45 लाख) अयोग्य लाभार्थियों के साथ असम का स्थान है। उन्होंने बताया कि सिक्किम में एक अयोग्य लाभार्थी का पता चला है जो किसी राज्य में सबसे कम है।


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