पीएम जन-धन योजना के 11 साल पूरे, PM मोदी बोले इस स्कीम ने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी
पीएम जन-धन योजना के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस योजना ने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब अंतिम स्थान पर खड़ा व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ता है तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है यानी तरक्की करता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। पीएम जन-धन योजना के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस योजना ने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब अंतिम स्थान पर खड़ा व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ता है तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है यानी तरक्की करता है।
पीएम जन-धन योजना के 11 साल पूरे
यह योजना 2014 में आज के ही दिन शुरू की गई थी और इसका उद्देश्य देश के सभी परिवारों के लिए व्यापक वित्तीय समावेशन को सुनिश्चित करना है। योजना के तहत प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम एक बुनियादी बैंकिंग खाता, वित्तीय साक्षरता, ऋण, बीमा और पेंशन जैसी सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की गई है।
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा-'जब अंतिम व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ा होता है तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना से यही हासिल हुआ। इसने सम्मान बढ़ाया और लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने पूरे भारतभर में जीवन बदल दिया- पीएम
'प्रधानमंत्री ने एक अन्य पोस्ट में 'माईगोव' द्वारा किए गए एक पोस्ट को साझा किया जिसमें बताया गया कि कैसे प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने पूरे भारतभर में जीवन बदल दिया।
इस पोस्ट में कहा गया-'गणित के सूत्र नहीं, बल्कि भारत के विकास के सूत्र। भारत की वित्तीय क्रांति एक विचार से प्रेरित है : नवाचार के माध्यम से समावेशन। अंतिम छोर तक बैंकिंग से लेकर महिला नेतृत्व वाले सशक्तीकरण तक, पारदर्शी डीबीटी हस्तांतरण से लेकर शासन में विश्वास तक, प्रधानमंत्री जन-धन योजना ने भारत में बैंकिंग, बचत और विकास के तरीके को बदल दिया है।'
कोई भी गरीब परिवार बैंकिंग की दुनिया से बाहर नहीं रहेगा
माईगोव के एक अन्य पोस्ट में कहा गया-'11 साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत से वादा किया था कि कोई भी गरीब परिवार बैंकिंग की दुनिया से बाहर नहीं रहेगा। जन-धन कभी भी केवल खातों के बारे में नहीं था, यह एक मां के लिए सम्मान के साथ बचत करने, एक किसान को बिचौलियों के बिना सहायता प्राप्त करने और एक ग्रामीण को राष्ट्र के विकास का हिस्सा महसूस करने के लिए दरवाजे खोलने के बारे में था।'
इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण ने वित्तीय समावेशन को वास्तविकता में बदल दिया, जिससे हर घर में आशा और हर जीवन में आत्मविश्वास आया।
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