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चंद्रयान-3 की साॅफ्ट लैंडिंग का स्थान कहलाएगा शिव शक्ति स्थल, PM मोदी की घोषणा के लगभग सात माह बाद 19 मार्च को मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता

पीएम की घोषणा के बाद करीब सात महीने बाद आइएयू वर्किंग ग्रुप फार प्लैनेटरी सिस्टम नोमेनक्लेचर ने 19 मार्च को इस नाम को मंजूरी दे दी है। आइएयू खगोलविदों का संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1919 में की गई थी। आइएयू खगोलीय पिंडों और उनकी सतह की विशेषताओं को नाम देता है। आइएयू द्वारा दिया गया नाम ही इन खगोलीय पिंडों या उनकी सतह की अंतरराष्ट्रीय पहचान होती है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Published: Sun, 24 Mar 2024 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2024 11:45 PM (IST)
'शिव शक्ति स्थल' को मिली आइएयू से मान्यता (फाइल फोटो)

जेएनएन, नई दिल्ली। भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के जिस स्थान पर साफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा था, उस स्थान को पूरी दुनिया अब 'शिव शक्ति स्थल' कहेगी। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (आइएयू) ने इसके लिए मान्यता दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 अगस्त को घोषणा की थी जिस जगह पर चंद्रयान -3 की साफ्ट लैं¨डग हुई उसे 'शिव शक्ति' स्थल कहा जाएगा।

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पीएम की घोषणा के बाद करीब सात महीने बाद आइएयू वर्किंग ग्रुप फार प्लैनेटरी सिस्टम नोमेनक्लेचर ने 19 मार्च को इस नाम को मंजूरी दे दी है। आइएयू खगोलविदों का संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1919 में की गई थी। आइएयू खगोलीय पिंडों और उनकी सतह की विशेषताओं को नाम देता है। आइएयू द्वारा दिया गया नाम ही इन खगोलीय पिंडों या उनकी सतह की अंतरराष्ट्रीय पहचान होती है। ब्रह्मांड में मिले नए खगोलीय ¨पडों का नामकरण भी आइएयू ही करता है।

चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला भारत बना चौथा देश 

भारत ने पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रचा था। चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला भारत चौथा देश बना था, जबकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना। भारत से पहले अमेरिका, अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ (रूस) और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे थे। इनमें से किसी देश को दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग में सफलता नहीं मिली। इस उपलब्धि के बाद 26 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब विज्ञानियों से मिलने इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क पहुंचे थे तो उन्होंने चंद्रयान-3 की साफ्ट लैंडिंग वाले स्थान को 'शिव शक्ति स्थल' नाम दिया था।

'शिव में मानवता के कल्याण का संकल्प'

पीएम मोदी ने कहा था, शिव में मानवता के कल्याण का संकल्प है और शक्ति हमें उन संकल्पों को पूरा करने की शक्ति देती है। शिव शक्ति स्थल हिमालय से कन्याकुमारी तक जुड़ाव का अहसास कराता है। चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मार्कर के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। रतलब है कि पिछले साल 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 चंद्रमा के सफर पर रवाना हुआ था।

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