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पीरामल दंपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात, दिया सामाजिक कार्यों का ब्योरा

मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति को डूइंग वेल एंड डूइंग गुड नाम की एक पुस्तक भी भेंट की गई। इस पुस्तक में पीरामल फाउंडेशन की ओर से जनजातीय स्वास्थ्य और कल्याणजल संरक्षण आयुष्मान भारत और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्रों में की गई विभिन्न पहलों को प्रकाशित किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Fri, 24 Mar 2023 04:15 PM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2023 04:15 PM (IST)
पीरामल दंपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात, दिया सामाजिक कार्यों का ब्योरा
पीरामल समूह के चेयरमैन अजय पीरामल और वाइस चेयरमैन डॉ. स्वाति पीरामल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।

नई दिल्ली, जेएनएन। प्रसिद्ध उद्योगपति और पीरामल समूह के चेयरमैन अजय पीरामल और पीरामल समूह की वाइस चेयरमैन डॉ. स्वाति पीरामल ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। पीरामल दंपति ने राष्ट्रपति को पीरामल फाउंडेशन द्वारा देश की सबसे कठिन समस्याओं को हल करने के लिए की गई विभिन्न पहलों से अवगत कराया।

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राष्ट्रपति को भेंट की गई 'डूइंग वेल एंड डूइंग गुड' किताब

इस दौरान राष्ट्रपति को 'डूइंग वेल एंड डूइंग गुड' नाम की एक पुस्तक भी भेंट की गई। इस पुस्तक में पीरामल फाउंडेशन की ओर से जनजातीय स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा, जल संरक्षण, आयुष्मान भारत और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्रों में की गई विभिन्न पहलों को प्रकाशित किया गया है।

यह पुस्तक पीरामल फाउंडेशन द्वारा सामाजिक क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र में चलाए जा रहे अखिल भारतीय कार्यक्रमों और उनके प्रभाव के बारे में एक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। फाउंडेशन के समाधानों के पोर्टफोलियो में बिग बेट्स शामिल हैं जो भारत को 2030 तक अपने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में छलांग लगाएगा।

फाउंडेशन के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक - अनमाया, द ट्राइबल हेल्थ कोलैबोरेटिव - टीबी को खत्म करने, मातृ कम करने के लिए और नवजात मृत्यु दर, पारंपरिक जनजातीय चिकित्सा के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार, और जनजातीय स्वास्थ्य में कला और संस्कृति को एकीकृत करना, आदिवासी समुदायों के साथ मिलकर काम करने पर केंद्रित है।

एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स कोलैबोरेटिव का उद्देश्य 2030 तक हाइपरलोकल सहयोग और अंतिम छोर अभिसरण के माध्यम से 112 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में घोर गरीबी में रहने वाले 100 मिलियन लोगों के जीवन का उत्थान करना है। इस कार्यक्रम के तहत, फाउंडेशन मूलभूत साक्षरता और सीखने, एनीमिया से पीड़ित लोगों की जांच और उपचार करने और जल प्रबंधन में आत्मनिर्भरता और स्वामित्व को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है।

इस पुस्तक में पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप जैसी अन्य पहलें भी शामिल हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और जलवायु स्थिरता के क्षेत्र में भविष्य के लीडर्स को तैयार करती हैं।

राष्ट्रपति ने की ग्रुप के काम की सरहाना

बैठक के दौरान, राष्ट्रपति ने पीरामल फाउंडेशन द्वारा भारत के सामाजिक क्षेत्र के पारिस्थितिक तंत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने और 27 राज्यों, 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 11.3 करोड़ से अधिक भारतीयों के जीवन को छूने की दिशा में काम करने की पहल की सराहना की।

बता दें कि परिमल ग्रुप की स्वास्थ्य देखभाल, जीव विज्ञान, दवाओं की खोज, स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन, विशेष ग्लास पैकेजिंग, वित्तीय सेवाएं और अचल संपत्ति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उपस्थिति है। 


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