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    सिर्फ कर्मचारी को ही एनपीएस का पैसा पाने का हक, राज्य या केंद्र सरकार नहीं कर सकती दावा- PFRDA

    पीएफआरडीए ने कहा है कि सिर्फ कर्मचारी को ही एनपीएस का पैसा पाने का हक है। राज्य सरकार को एनपीएस का पैसा वापस नहीं दिया जा सकता है। राजस्थान छत्तीसगढ़ और झारखंड ने एनपीएस के तहत जमा राशि को लौटाने की मांग की है।

    By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 20 Dec 2022 07:43 PM (IST)
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    पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण ने एनपीएस को लेकर दिया बड़ा बयान

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने भले ही ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) को फिर लागू करने का एलान कर दिया है, लेकिन इन प्रदेशों के लिए इसे फिर से शुरू करना आसान नहीं होगा। इन राज्यों ने ओपीएस को लागू करने के लिए पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से अपने-अपने हिस्से की एनपीएस के तहत जमा राशि वापस देने की मांग की है। 

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    राज्य या केंद्र सरकार नहीं कर सकते एनपीएस पर दावा

    इस संबंध में केंद्र को अनुरोध पत्र भेजा गया था, लेकिन पीएफआरडीए ने साफ कह दिया है कि नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत जमा होने वाली राशि का भुगतान सिर्फ उस व्यक्ति को ही किया जा सकता है, जो एनपीएस में पैसा जमा कर रहा है। राज्य सरकार या केंद्र सरकार उस राशि पर कोई दावा नहीं कर सकती है और ना ही एनपीएस में जमा पैसा किसी भी सरकार को रिफंड किया जा सकता है। एनपीएस फंड में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान होता है।

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    पंजाब ने भी ओपीएस को लागू करने की घोषणा की

    पंजाब ने भी ओपीएस को लागू करने की घोषणा की है, लेकिन पिछले सप्ताह संसद में वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने बताया कि पंजाब ने एनपीएस में जमा अपने राज्य के कर्मचारियों के हिस्से की राशि को वापस करने की अभी तक मांग नहीं की है। वित्त राज्य मंत्री ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा कि केंद्र सरकार का ओपीएस को लागू करने का कोई इरादा नहीं है। नवंबर में पंजाब सरकार ने ओपीएस को लागू करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी।

    अदालत में भी नहीं मिलेगी राय

    सूत्रों के मुताबिक, राज्य एनपीएस के तहत अपने हिस्से की राशि की मांग करने के लिए अदालत जाते हैं तो भी उन्हें वहां राहत नहीं मिलने वाली है, क्योंकि पीएफआरडीए का नियम ही इसकी इजाजत नहीं देता है। सिर्फ कर्मचारी के दावा करने पर ही पैसा दिया जा सकता है।

    ओपीएस के लौटने से बिगड़ी जाएगी राज्यों की वित्तीय स्थिति

    पेंशन का भार राज्यों पर पहले ही बढ़ता जा रहा है। आरबीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अभी देश के 10 राज्यों में पेंशन का भुगतान कुल राजस्व का 12.5 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। वर्ष 2030-31 तक इन 10 राज्यों में पेंशन भुगतान के मद में इनके जीडीपी का तीन प्रतिशत तक खर्च हो जाएगा। इन राज्यों में राजस्थान, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, केरल, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य प्रमुख रूप से शामिल हैं।

    जानकारों के मुताबिक, ओपीएस को लागू करने से 10-15 सालों के बाद राज्यों को पेंशन के मद में ही भारी भुगतान करना होगा। वर्ष 2004 के बाद नौकरी में आने वाले सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस के तहत पेंशन देने की व्यवस्था लागू की गई। अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2035 के बाद एनपीएस व्यवस्था में आने वाले कर्मचारी रिटायर होने लगेंगे। तब तक राज्यों की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो चुकी होगी और उनके पास विकास के लिए फंड ही नहीं बचेगा।

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