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गजवा ए हिंद मामले में PFI के 20 ठिकानों पर पड़े छापे, छह राज्यों में 12 जगहों पर NIA ने की कार्रवाई

एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएफआइ के देश विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ जारी जांच के सिलसिले में इससे जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर छापा मारा गया है। ये छापे दिल्ली के फजलपुर शाहीन बाग महाराष्ट्र के मुंबई व थाने राजस्थान के टोंक व गंगानगर उत्तरप्रदेश के लखनऊ गोरखपुर सिद्र्धाथनगर संत रविदास नगर और कानपुर के साथ ही तमिलनाडु के मदुरई में मारे गए।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Wed, 11 Oct 2023 11:44 PM (IST)Updated: Wed, 11 Oct 2023 11:44 PM (IST)
एनआइए ने पीएफआइ के 20 स्थानों पर छापे मारे। (फोटो सोर्स: जागरण)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार के फुलवारीशरीफ से जुड़े गजवा ए हिंद मामले में एनआइए ने पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के 20 स्थानों पर छापे मारे। ये ठिकाने उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में स्थित हैं।

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एनआइए ने छापे के दौरान 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है। एनआइए ने जुलाई 2022 में इस मामले की जांच शुरू की थी और अभी तक 13 आरोपियों के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

इन जगहों पर मारे गए छापे

एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएफआइ के देश विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ जारी जांच के सिलसिले में इससे जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर छापा मारा गया है। ये छापे दिल्ली के फजलपुर, शाहीन बाग, ओखला व चांदनी चौक, मध्यप्रदेश के भोपाल, महाराष्ट्र के मुंबई व थाने, राजस्थान के टोंक व गंगानगर, उत्तरप्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर, सिद्र्धाथनगर, संत रविदास नगर और कानपुर के साथ ही तमिलनाडु के मदुरई में मारे गए।

उनके अनुसार छापे के दौरान बड़ी संख्या में लैपटॉप, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क के साथ ही अन्य दस्तावेज बरामद किये गए हैं। ये दस्तावेज पीएफआइ के गजवा ए हिंद और 2047 तक इस्लामिक शासन स्थापित करने से जुड़े हैं।

छापे में बरामद किए गए 8.5 लाख रुपए

इसके अलावा छापे में 8.5 लाख रुपए नकद भी बरामद किये गए। एनआइए के अधिकारी के अनुसार पहली बार 11 जुलाई 2022 को फुलवारी शरीफ में मारे गए छापे में पीएफआइ के भारत में 2047 तक इस्लामिक शासन स्थापित करने से मंसूबे से जुड़े दस्तावेज मिले थे। इसे मामले में अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन खान, नूरुद्दीन झांगी उर्फ एडवोकेट नूरुद्दीन और अरमान मलिक उर्फ इमतियाज अनवर को गिरफ्तार किया गया था।

सिर्फ फुलवारीशरीफ तक सीमित नहीं पीएफआई की साजिश

जांच के दौरान साफ हुआ कि पीएफआइ का गजवा ए हिद की साजिश सिर्फ फुलवारीशरीफ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका पूरे देश में फैला हुआ है। इस मामले में एनआइए पहले भी बिहार, उत्तरप्रदेश, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में छापा मार चुकी है।

एनआइए के अधिकारी ने कहा कि गजवा ए हिंद मामले में प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मुवमेंट आफ इंडिया) से जुड़े रहे अनवर राशिद को भी हिरासत में लिया गया है। अनवर राशिद ने ही फुलवारीशरीफ में बरामद गजवा ए हिंद दस्तावेज को तैयार करने और इसे पीएफआइ का एजेंडा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।

सिमी पर प्रतिबंध के बाद अनवर राशिद वहादत ए इस्लामी नामक संगठन से जुड़ गया था और भारत में इस्मालिक शासन स्थापित करने एजेंडे को फैलाने की कोशिश कर रहा था। जांच में अनवर राशिद से जुड़े एक पब्लि¨शग हाऊस की भूमिका भी सामने आ रही है।

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