हत्या और हिंसा के लिए पीएफआइ ने अलग से बना रखा था हिट स्क्वाड, गलतियों से सबक लेकर किया था गठन
गृहमंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित पीएफआइ ने हत्या और हिंसा के लिए अलग से हिट स्क्वाड बना रखा था। पीएफआइ के सांगठनिक ढांचे में हिट स्क्वाड के सदस्यों का कहीं जिक्र नहीं है। एजेंसियों के मुताबिक पीएफआइ ने सिमी के दौरान हुई गलतियों से सीख लेते हुए यह रास्ता चुना।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। गृहमंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित पीएफआइ ने हत्या और हिंसा के लिए अलग से हिट स्क्वाड बना रखा था। पीएफआइ के सांगठनिक ढांचे में हिट स्क्वाड के सदस्यों का कहीं जिक्र नहीं है। एजेंसियों के मुताबिक पीएफआइ ने सिमी के दौरान हुई गलतियों से सीख लेते हुए यह रास्ता चुना। हिट स्क्वाड पीएफआइ के घोषित उद्देश्यों के पीछे छिपे असली एजेंडे को दर्शाता है, जिसका जिक्र गृहमंत्रालय ने प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना में किया है। पीएफआइ के खिलाफ 19 मामलों की जांच कर रही एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 15 राज्यों में इसके 1.5 लाख से अधिक सदस्य है, जो विभिन्न क्षेत्रों में गतिविधियों को अंजाम देते हैं। लेकिन इन सदस्यों की सूची में से हिट स्क्वाड के सदस्यों का नाम गायब है।
संस्थापक सदस्यों में सिमी के सदस्य शामिल
केरल में प्रोफेसर के हाथ काटने से लेकर विभिन्न हत्याओं को अंजाम देने वालों में कोई भी पीएफआइ का सदस्य नहीं मिला। उनसे पूछताछ के दौरान साजिश में पीएफआइ के सदस्यों का नाम सामने आया और फिर उन्हें गिरफ्तार किया गया। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पीएफआइ के गिरफ्तार सदस्यों ने पूछताछ में बताया है कि ऐसा काफी सोच-विचार कर किया गया। दरअसल पीएफआइ के संस्थापक सदस्यों में अधिकांश सिमी के सदस्य रह चुके हैं।
सिमी पर प्रतिबंध के बाद स्थानीय संगठन बनाकर कर रहे थे काम
2001 में सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद वे बिखर गए थे और केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में अलग-अलग स्थानीय संगठन बनाकर काम कर रहे थे। 2006 में इन्होंने पीएफआइ के गठन का फैसला किया। सिमी के वरिष्ठ नेता खुद ही हिंसक घटनाओं में शामिल होते थे, इसीलिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस को आसानी होती थी। इससे बचने के लिए पीएफआइ ने हिट स्क्वाड को अलग बना दिया। 2010 में प्रोफेसर का हाथ काटने के पहले केरल के जंगलों में हिट स्क्वाड को ट्रेनिंग दी गई।
कराटे ट्रेनिंग के नाम पर चालाए जाते थे आतंकी ट्रेनिंग
एनआइए ने हाथ काटने के मामले में अपनी चार्जशीट में इस आतंकी ट्रेनिंग का हवाला दिया है। तेलंगाना में कराटे ट्रेनिंग की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग का मामला सामने आ चुका है। जुलाई में तेलंगाना पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया था। अब इस मामले की जांच भी एनआइए कर रही है। एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस मामले में पीएफआइ के 25 लोग आरोपी हैं, लेकिन उनमें उन युवाओं का नाम नहीं है, जिन्होंने कराटे की आड़ में आतंक की ट्रेनिंग ली थी। एनआइए उनकी तलाश में जुटी है।
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