'सड़कों से भिखारियों को हटाने के लिए लोगों का समर्थन जरूरी', केंद्रीय मंत्री ने वाराणसी-इंदौर का उदाहरण का दिया उदाहरण
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने मंगलवार को कहा कि भारत की सड़कों से भिखारियों को हटाने के लिए समुदाय का मजबूत समर्थन आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने वाराणसी और इंदौर का उदाहरण भी दिया। उन्होंने बताया कि उनमें से कुछ अब पंजीकृत जीएसटी भुगतानकर्ता हैं और 35 से 40 हजार रुपये प्रति माह कमा रहे हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने मंगलवार को कहा कि भारत की सड़कों से भिखारियों को हटाने के लिए समुदाय का मजबूत समर्थन आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने वाराणसी और इंदौर का उदाहरण भी दिया।
'भिखारियों ने भीख मांगना छोड़ दिया'
बेगर्स कॉर्पोरेशन के संस्थापक डॉ चंद्र मिश्रा की पुस्तक लास्ट बेगर के विमोचन के अवसर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि वाराणसी में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाने और उन्हें रोजगारोन्मुखी गतिविधियों से जोड़ने के बाद भिखारियों ने भीख मांगना छोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि उनमें से कुछ अब पंजीकृत जीएसटी भुगतानकर्ता हैं और 35 से 40 हजार रुपये प्रति माह कमा रहे हैं। वे समाज पर निर्भर नहीं हैं और दूसरों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि इंदौर में स्थानीय निवासी, गैर-सरकारी संगठन और नगर निगम के अधिकारी पुनर्वासित भिखारियों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मिलकर काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय की स्माइल योजना भिखारियों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान, आश्रय, कौशल प्रशिक्षण और आत्मनिर्भरता की पहल के माध्यम से सहायता प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।
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