घर बैठे किताबों की दुनिया में घूम रहे लोग, डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में बढ़े कदम
कोरोना से जंग के बीच एनबीटी ने सप्ताह भर पहले अपनी वेबसाइट एनबीटी इंडिया डॉट जीओवी डॉट इन पर 100 से अधिक किताबें पीडीएफ में तैयार कर अपलोड करने की पहल की थी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के इस पीरियड में किताबें भी लोगों की मित्र बन रही हैं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) के सटे होम इंडिया विद बुक्स कार्यक्रम को खासा पसंद किया जा रहा है। इसके जरिये एनबीटी की वेबसाइट से लोग मुफ्त किताबें डाउनलोड कर पढ़ रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना से जंग के बीच एनबीटी ने सप्ताह भर पहले अपनी वेबसाइट एनबीटी इंडिया डॉट जीओवी डॉट इन पर 100 से अधिक किताबें पीडीएफ में तैयार कर अपलोड करने की पहल की थी। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर और प्रेमचंद जैसे ढेरों नामी लेखकों की ओर से लिखित एवं 18 भाषाओं में प्रकाशित इन पुस्तकों को मुफ्त में डाउनलोड कर पढ़ा जा सकता है। हर आयु वर्ग के पाठकों को ध्यान में रखकर वेबसाइट पर अपलोड की गई किताबों में से कई किताबें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर भी आधारित हैं।
एनबीटी की जनसंपर्क उपनिदेशक कंचन शर्मा के मुताबिक एक सप्ताह में ही एनबीटी की वेबसाइट से एक हजार किताबें डाउनलोड की जा चुकी हैं। सबसे ज्यादा बच्चों की किताबें पसंद की जा रही हैं। एनबीटी अभी और किताबें अपलोड करने में लगा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे आगे यह संख्या बढ़ती ही जाएगी।
डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में लेखन करने वाले उपेंद्र राणा भी इस डिजिटल क्रांति की प्रशंसा करते नहीं थकते। सात किताबों के लेखक उपेंद्र कहते हैं, आज पठन-पाठन ऑनलाइन संभव है। यह आसान भी है और समय व्यतीत करने का बेहतरीन जरिया भी है। वे कहते हैं कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन के चलते इस समय लोग घरों में ही रहते हुए ऑनलाइन किताबें खूब पढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि ऑनलाइन के क्षेत्र में ज्ञान ही नहीं, रोजगार के अवसर भी भरपूर हैं।
देश में कोरोना वायरस के आंकड़े
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पिछले 12 घंटों में 355 नए मामलों के साथ, कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 2,902 हो गई। 2,902 मामलों में से, 2,650 सक्रिय मामले हैं और 184 ठीक हो गए हैं या छुट्टी दे दी गई है। इनमें 68 लोगों की मृत्यु भी हो गई है।
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