गोवा के मनोहर पर्रिकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना से प्रभावित लोगों को नहीं मिली वैकल्पिक जमीन: जीत अरोलकर
विधायक प्रवीण अर्लेकर ने कहा कि शायद ही स्थानीय लोगों को नए हवाई अड्डे पर नियोजित किया गया है और जिन युवाओं को मोपा में विमानन कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षित किया गया था वे वर्तमान में बेरोजगार हैं। सभी को रोजगार प्राप्त हैं।

पणजी, पीटीआई। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के विधायक जीत अरोलकर ने मंगलवार को गोवा विधानसभा में कहा कि मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण के कारण जिन लोगों की जमीन चली गई, उन्हें अब तक वैकल्पिक जमीन नहीं मिली है। उत्तरी गोवा जिले के मोपा में स्थित मनोहर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया था।
विधानसभा में चर्चा के दौरान अरोलकर ने कहा कि धनगर (चरवाहा) समुदाय के सदस्यों को हवाईअड्डा परियोजना के पास 36,000 वर्ग मीटर जमीन मंजूर की गई थी, जिसमें से उन्हें केवल 11,200 वर्ग मीटर जमीन आवंटित किया गया था। शेष क्षेत्र में (36,000 वर्ग मीटर में से), जमीन का एक टुकड़ा है जहां धनगर समुदाय के सदस्य अपने अनुष्ठान करते हैं, उन्होंने कहा।
प्रशिक्षित युवा अभी भी बेरोजगार: प्रवीण अर्लेकर
एमजीपी नेता ने कहा, "वह क्षेत्र हवाईअड्डे का हिस्सा नहीं है और अभी भी नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास है।" पेरनेम के विधायक प्रवीण अर्लेकर (भाजपा) ने कहा कि शायद ही स्थानीय लोगों को नए हवाई अड्डे पर नियोजित किया गया है और जिन युवाओं को मोपा में विमानन कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षित किया गया था, वे वर्तमान में बेरोजगार हैं।
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जीत अरोलकर के दावों का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि नए हवाई अड्डे पर 2,263 लोग कार्यरत थे और उनमें से 1,301 स्थानीय पेरनेम तालुका से थे। उन्होंने कहा कि कौशल केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके लोगों को भविष्य में नौकरी दी जाएगी।
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