अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांवों तक बिजली पहुंचाएगी अरुणाचल सरकार, परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने का फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे गांवों और रक्षा प्रतिष्ठानों को बिजली की आपूर्ति सूक्ष्म जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से की जाएगी। इससे पहले नवंबर 2022 में एक रिपोर्ट सामने आई थी कि बिजली मंत्रालय 30000 मेगावाट की कुल क्षमता वाली रुकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं को संभालने के लिए जलविद्युत कंपनियों को अपने अधीन कर रहा है।

इटानगर, एजेंसी। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने रविवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने चीन और म्यांमार के साथ सुदूर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर गांवों और रक्षा प्रतिष्ठानों को स्थिर बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए स्वर्ण जयंती सीमा ग्राम विद्युतीकरण कार्यक्रम शुरू किया है।
एक समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदूर अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे गांवों और रक्षा प्रतिष्ठानों को बिजली की आपूर्ति सूक्ष्म जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने क्या कुछ कहा?
उन्होंने कहा कि तीन साल की अवधि में सरकार 50 ऐसी सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाएं शुरू करेगी, जिनमें से 13 परियोजनाएं पहले चरण में शुरू हो चुकी हैं।
भारत सरकार ने अपनी पूर्वोत्तर सीमा के पास चीन के बांध निर्माण की रणनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में अरुणाचल प्रदेश में 2,000 मेगावाट की ऊपरी सुबनसिरी परियोजना सहित 12 लंबित जल विद्युत परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तीन जल विद्युत कंपनियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
एनएचपीसी, एसजेवीएन और थर्मल पावर दिग्गज एनटीपीसी की सहायक कंपनी एनईईपीसीओ ने 11,517 मेगावाट की कुल क्षमता वाली परियोजनाओं को संभालने के लिए इटानगर में अरुणाचल प्रदेश सरकार के साथ केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इससे पहले नवंबर 2022 में एक रिपोर्ट सामने आई थी कि बिजली मंत्रालय 30,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाली रुकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं को संभालने के लिए जलविद्युत कंपनियों को अपने अधीन कर रहा है।
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