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इंफ्रारेड थर्मामीटर को चकमा दे रहे यात्री, प्लेन में बैठने से पहले ले रहे पैरासिटामॉल, इंदौर में दो केस

विदेशों से आने वाले कुछ लोगों के बारे में पाया गया है कि उन्‍होंने अपना संक्रमण छिपाने के लिए थर्मो जांच से पहले पैरासिटामॉल की दवाएं ली थीं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 08:55 PM (IST)Updated: Mon, 23 Mar 2020 12:25 AM (IST)
इंफ्रारेड थर्मामीटर को चकमा दे रहे यात्री, प्लेन में बैठने से पहले ले रहे पैरासिटामॉल, इंदौर में दो केस
इंफ्रारेड थर्मामीटर को चकमा दे रहे यात्री, प्लेन में बैठने से पहले ले रहे पैरासिटामॉल, इंदौर में दो केस

केस-1

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एक यात्री ने कहा... मैं इसी हफ्ते दुबई से इंदौर लौटा हूं। आशंका थी कि एयरपोर्ट पर होने वाली जांच में शरीर का तापमान सामान्य से अधिक निकला तो मुझे वहीं रोक लिया जाएगा। मैंने प्लेन में बैठने से पहले ही दो पैरासिटामॉल की टेबलेट खा ली थीं। कुछ ही घंटे में मैं मुंबई पहुंच गया। जांच में शरीर का तापमान सामान्य निकला और मैं एयरपोर्ट से बाहर आ गया।

केस-2

इंदौर के जूना रिसाला क्षेत्र निवासी एक युवक इसी सप्ताह दुबई से अफ्रीकी देश होते हुए इंदौर लौटा है। शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए उसने यात्रा से पहले ही टेबलेट खा ली थी। इसका असर यह हुआ कि मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जांच में तापमान सामान्य निकला और युवक एयरपोर्ट से आसानी से बाहर निकल गया।

इंदौर, जेएनएन। ये दो केस बानगी हैं कि किस तरह लोग कोरोना वायरस को लेकर बरती जा रही सख्ती को हल्के में ले रहे हैं और खुद को गैर जिम्मेदार शहरी साबित कर रहे हैं। शुक्रवार रात दुबई से आई फ्लाइट से लौटे यात्रियों में से कुछ ने एयरपोर्ट के भीतर से परिसर में खड़े अपने स्वजन को जानकारी दी कि कैसे उन्होंने पैरासिटामॉल टेबलेट्स का इस्तेमाल कर शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखा।

चार से छह घंटे तक रहता है असर

कुछ इसी तरह की बात हाल ही में विदेश से लौटे यात्रियों ने भी कही। ...कहने को यह बात सामान्य हो सकती है, लेकिन डॉक्टरों की मानें तो इस तरह की लापरवाही न सिर्फ गोलियां लेने वाले, बल्कि उसके परिवार और पूरे समाज पर भारी पड़ सकती है। ऐसा कर व्यक्ति खुद को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को धोखा देते हैं। डॉक्टरों के मुताबिक सामान्यत: पैरासिटामॉल से चार से छह घंटे तक बुखार को नियंत्रित किया जा सकता है।

समाज के साथ धोखा

इन घटनाओं पर महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, इंदौर के डॉ. सलिल भार्गव ने कहा कि ऐसा करना पूरे समाज के साथ धोखा है। कोरोना को लेकर बरती जा रही सख्ती से समझा जा सकता है कि हालात कितने गंभीर हैं। बावजूद इसके अगर कोई ऐसा कर रहा है तो यह गलत है। ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि इससे न सिर्फ वे खुद की, बल्कि पूरे परिवार की जान खतरे में डाल रहे हैं। 


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