पार्वती-कालीसिंध नदी जोड़ो परियोजना पर सहमत हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान, दोनों राज्यों के बीच जल्द होगा समझौता
राजस्थान को डबल इंजन सरकार की अवधारणा का पहला लाभ नदियों को जोड़ने की एक अहम परियोजना के रूप में मिल सकता है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल्द ही हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। राजस्थान में भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार के कार्यभार संभालने के साथ ही इस परियोजना पर तेजी से काम आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राजस्थान को डबल इंजन सरकार की अवधारणा का पहला लाभ नदियों को जोड़ने की एक अहम परियोजना के रूप में मिल सकता है। पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल्द ही हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
जल्द समझौते की उम्मीद
राजस्थान में भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सरकार के कार्यभार संभालने के साथ ही इस परियोजना पर तेजी से काम आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। जलशक्ति मंत्रालय में नदियों को जोड़ने की परियोजना पर क्रियान्वयन के लिए बनी विशेष समिति की बैठक में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गई।
यह समिति की 21वीं बैठक थी, जो इस लिहाज से भी अहम है, क्योंकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पर हाल में तेज प्रगति हुई है। खासकर मध्य प्रदेश में पर्यावरण मंजूरियों के लिहाज से लगभग सभी बाधाएं पूरी हो गई हैं।
यह भी पढ़ेंः पहाड़ों पर पड़ने लगी कड़ाके की ठंड, नीती घाटी में जम गया झरना; देखें तस्वीरें
केन-बेतवा लिंक परियोजना उल्लेखनीय प्रगति
जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बैठक में केन-बेतवा लिंक परियोजना में हुई उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि पानी देश के सामाजिक-आर्थिक विकास की सबसे महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है और जस संसाधनों का विकास तथा प्रबंधन केंद्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में शामिल है। पानी की उपलब्धता बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नदियों को जोड़ना बहुत जरूरी है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पूरे बुंदेलखंड के लिए वरदान साबित होगा।
अधिकारियों के मुताबिक पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिए मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच पूरी तरह सहमति बन चुकी है और अब दोनों राज्यों में नई सरकारे इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रही हैं। अब गोदावरी-कृष्णा-पन्नार-कावेरी लिंक जैसी कुछ अन्य परियोजनाओं पर आगे बढ़ने की कोशिश की जा रही है। मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सहमति कायम करने पर उदारता का प्रदर्शन करें।
यह भी पढ़ेंः अब उत्तराखंड में नदियों में कूड़ा डालने वालों पर रहेगी नजर, होगी यह सख्त कार्रवाई
अगले साल सितंबर में भारत जल सप्ताह
आठवां भारत जल सप्ताह अगले साल 17 से 21 सितंबर के बीच नई दिल्ली में मनाया जाएगा। शेखावत ने इसकी घोषणा करते हुए इसकी वेबसाइट की भी शुरुआत की। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन है, जो देश में जल से संबंधित तमाम विषयों पर विचार-विमर्श का मंच भी बनेगा। इस बार के जल सप्ताह की थीम है-समावेशी जल विकास और प्रबंधन के लिए सहयोग तथा साझेदारी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।