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    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने देश के विभाजन को बताया काला दिन, कहा- इसे याद रखना जरूरी

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने देश के विभाजन के दिनों को याद करते हुए कहा कि इसे याद रखना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भविष्य में यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के प्रलय को दोबारा न दोहराया जाए। उन्होंने देश के विभाजन को एक भूकंप करार देते हुए कहा कि इसके झटके आज भी महसूस किए जाते हैं।

    By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 14 Aug 2023 05:35 PM (IST)
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    विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा।फोटोः @himantabiswa

    गुवाहाटी, पीटीआई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को देश के विभाजन के दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि इसे याद रखना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भविष्य में यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह के प्रलय को दोबारा न दोहराया जाए और भारत फिर कभी भी विभाजित न हो। उन्होंने देश के विभाजन को एक भूकंप करार देते हुए कहा कि इसके झटके आज भी महसूस किए जाते हैं।

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    विभाजन को बताया काला दिन

    सीएम सरमा ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस दिन को काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन भारत के लिए एक काला दिन था। अंग्रेजों ने भारत का विभाजन कर दो देश बनाया, जिसके कारण कई परिवारों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई लोगों ने अपनी संपत्ति खो दी। यह दिन कई लोगों के लिए दुर्भाग्य जैसा था।

    पीएम मोदी ने किया था आग्रह

    उन्होंने कहा कि उस दौरान विभाजन का मार झेले कई लोग अपने जीवन को दोबारा से शुरू कर पाए। हालांकि, कई ऐसे भी लोग हैं जो अभी भी इससे उबरे नहीं हैं और विभिन्न प्रकार के कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। सरमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 से इस दिन को मनाने का आग्रह किया है, जिससे हम विभाजन की भयावहता को याद रखें और कभी न भूलें और यह भी याद रखें कि भविष्य में इसको न दोहराया जाए।

    भूकंप की तरह था देश का विभाजन

    उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान या फिर अन्य देश का बुरा नहीं चाहते हैं। विभाजन हम पर मुस्लिम लीग और उसके जैसे लोगों द्वारा थोपा गया था। हालांकि, हमें इसे याद रखना होगा ताकि आगे भारत का दोबारा कोई विभाजन न हो। इस दौरान सीएम ने विभाजन के बाद प्रभावित लोगों की मदद के लिए आरएसएस सहित विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए मानवीय कार्यों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि देश का विभाजन एक भूकंप की तरह था, जिसके झटके आज भी महसूस किए जाते हैं।