अगस्ता की पड़ताल पीएसी को सौंप कर कुछ राहत लेना चाहती है कांग्रेस!
अगस्ता घोटाले में चौतरफा घिरी कांग्रेस इसकी पीएसी से जांच कराने की मांग कर सकती है। माना जा रहा है वह इसके जरिए कुछ राहत पाने की कोशिश कर सकती है।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर तीखी हुई राजनीतिक बहस और संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक खुले मोर्चे के बीच संसद की लोक लेखा समिति भी इसकी पड़ताल कर सकती है। माना जा रहा है कि समिति में कांग्रेस के कुछ सदस्यों की ओर से ही इसकी जांच की मांग हो सकती है। दरअसल, चौतरफा घिर रही कांग्रेस इस समिति के जरिए कुछ राहत बटोरने की कोशिश कर सकती है। इस समिति के अध्यक्ष भी कांग्रेस नेता के वी थामस हैं।
कुछ दिन पहले ही महत्वपूर्ण लोक लेखा समिति का पुनर्गठन हुआ है। संभव है कि अगले एक पखवाड़े में इसकी पहली बैठक हो। सूत्रों की मानें तो पह ली बैठक में ही इसका प्रस्ताव हो सकता है कि अगस्ता की जांच समिति करे। गौरतलब है कि कैग रिपोर्ट के बाद और कभी कभी स्वत:स्फूर्त भी पीएसी जांच अपने हाथ में लेती है। बहु दलीय और बहु सदस्यीय पीएसी की रिपोर्ट को अहम माना जाता है। पीएसी की रिपोर्ट को अगर लोकसभा अध्यक्ष से मंजूरी मिल जाती है तो उसे संसद का औपचारिक दस्तावेज माना जाता है।
ध्यान रहे कि अगस्ता को लेकर कांग्रेस और सरकार आरोप प्रत्यारोप में लगी है। कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग कर यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि उसके मन में चोर नहीं है। जबकि भाजपा कुछ तथ्यों के हवाले से यह साबित करने में जुटी है कि कांग्रेस ने अगस्ता मामले में चोरी की खुली छूट दे रखी थी। कांग्रेस सदस्यों की यह मंशा हो सकती है कि समिति के अंदर इसे सुलझाया जाए।
समिति को पूछताछ के लिए मामले से जुड़े किसी भी व्यक्ति को बुलाने का अधिकार होता है। गौरतलब है कि थामस समेत समिति में कांग्रेस के चार सांसद सदस्य हैं। जबकि भाजपा से नौ, तृणमूल कांग्रेस से दो, अकालीदल, सपा, बीजद, शिवसेना, नागालैंड पीपुल्स फ्रंट, अन्नाद्रुमक से एक तथा एक मनोनीत सदस्य इसमें शामिल हैं। 15 सदस्य लोकसभा से हैं और सात राज्यसभा से।
ध्यान रहे कि अगस्ता के मामले में दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार और सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जंतर मंतर पर धरना दे चुका है तो रक्षा मंत्री मनोहर परिक्कर यह स्पष्ट बयान दे चुके हैं कि अगस्ता की गति बोफोर्स जैसी नहीं होने दी जाएगी जिसमें धीरे धीरे सारे आरोपी बरी होते गए।
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