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    आतंकवाद के खिलाफ अहम हथियार 'नेटग्रिड' के लांच को लेकर एक्शन मोड में संसदीय समिति, गृह मंत्रालय से समयसीमा तय करने को कहा

    By Mahen KhannaEdited By:
    Updated: Sat, 19 Mar 2022 02:53 PM (IST)

    नेटग्रिड को लेकर संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय को इसके पूर्ण संचालन के लिए उत्पादों के मूल्यांकन और वितरण में तेजी लाने के लिए एक समय सीमा तय करने की सलाह दी है। समिति ने मंत्रालय को इस संबंध में हुई प्रगति के बारे में भी सूचित करने को कहा।

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    संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय को दी सलाह। (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, एएनआइ। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (NATGRID) को शुरू करने की कवायद कई दिनों से चल रही है। नेटग्रिड का लक्ष्य भारत में आतंकवाद रोधी क्षमताओं को बढ़ाने हेतु अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्रदान करना है। इसी के मद्देनजर एक संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय (MHA) को राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड के पूर्ण संचालन के लिए उत्पादों के मूल्यांकन और वितरण में तेजी लाने के लिए एक समय सीमा तय करने की सलाह दी है। समिति द्वारा सोमवार को संसद में पेश की गई 238वीं रिपोर्ट में नेटग्रिड के संचालन में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

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    प्रशासनिक मंजूरी बन रही बाधा

    संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 'समिति खुफिया इनपुट और खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच के लिए एक व्यापक नेटवर्क के निर्माण के लिए नेटग्रिड के महत्व को समझती है।' समिति ने इसी के साथ रिपोर्ट में कहा ​​है कि प्रशासनिक मंजूरी और प्रक्रियात्मक देरी नेटग्रिड की प्रगति में बाधा बन रही है और धन का कम उपयोग कर रही है। समिति ने मंत्रालय को इस संबंध में हुई प्रगति के बारे में भी सूचित करने को कहा है।

    प्रधानमंत्री मोदी जल्द करेंगे लांच

    आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही नेटग्रिड लांच कर सकते हैं, जिसका उद्देश्य "भारत की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक" प्रदान करना है। जानकारी के अनुसार इस महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस का सिंक्रनाइज़ेशन और परीक्षण अंतिम दोर में है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल ही इसका संकेत दिया था कि नैटग्रिड, जिसे आतंकवादियों, आर्थिक अपराधों और इसी तरह की घटनाओं की जानकारी के लिए एक सहज और सुरक्षित डेटाबेस के रूप में माना जाता है जल्द ही लांच होने वाला है।

    मुंबई हमले के बाद कमी हुई थी उजागर

    बता दें कि मुंबई में 2008 के आतंकी हमले के बाद नेटग्रिड का विचार आया था। उस हमले में आतंकवादी घेराबंदी ने इस कमी को उजागर किया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास वास्तविक समय के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी देखने के लिए कोई तंत्र नहीं था। पहले चरण की योजना के अनुसार, 10 उपयोगकर्ता एजेंसियों और 21 सेवा प्रदाताओं को नेटग्रिड से जोड़ा जाएगा, जबकि बाद के चरणों में लगभग 950 अतिरिक्त संगठनों को इसमें साथ लाया जाएगा। इसके बाद कुछ ही वर्षों में 1,000 से अधिक तंत्रों को नेटग्रिड में एकीकृत किया जाएगा।

    आखिर क्या है नेटग्रिड

    नेटग्रिड एक ऐसा तंत्र है जो आतंकवाद, आर्थिक अपराध आदि की घटनाओं की जानकारी को आराम से और सुरक्षित डेटाबेस के रूप में रख सकता है। इसके इस्तेमाल से संदिग्धों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा और आतंकी हमलों को भी रोकने में कामयाबी मिल सकती है। सरकार का दावा है कि इससे बैंकिंग, इमिग्रेशन, रेल और हवाई यात्रा और अधिक सुरक्षित हो जाएगी।