संसदीय समितियों को दो विधेयकों पर रिपोर्ट पेश करने के लिए मिला और समय, विपक्ष का SIR पर हंगामा
लोकसभा ने दिवालियापन कानून और जन विश्वास संशोधन विधेयकों पर संसदीय समितियों को रिपोर्ट देने के लिए समय बढ़ाया। दिवालियापन कानून संशोधन विधेयक को शीतकालीन सत्र के अंत तक का समय मिला है, जिसमें कानून में कई बदलाव प्रस्तावित हैं। जन विश्वास विधेयक, जिसका उद्देश्य व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना है, को भी समय सीमा दी गई है। इसमें छोटे अपराधों को गैर-आपराधिक बनाने का प्रस्ताव है।

संसदीय समितियों को दो विधेयकों पर रिपोर्ट पेश करने के लिए मिला और समय (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिवालियापन कानून और जन विश्वास प्रविधान संशोधन विधेयकों से संबंधित दो संसदीय समितियों को इन विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए लोकसभा ने सोमवार को और समय दे दिया।
यह निर्णय उस समय लिया गया जब विपक्ष विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर हंगामा कर रहा था।लोकसभा ने इंसाल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) विधेयक 2025 पर रिपोर्ट पेश करने के लिए समिति को शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन तक का समय दिया है। यह विधेयक 12 अगस्त को निचले सदन में पेश किए जाने बाद समिति को भेजा गया था।
क्या है विधेयक में?
इस विधेयक में दिवालियापन कानून में कई संशोधनों का प्रस्ताव है। लोकसभा ने जन विश्वास (प्रविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025 संबंधी एक अन्य संसदीय समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिए शीतकालीन सत्र के दूसरे सप्ताह के अंतिम दिन तक समय दिया है।
सरकार ने इस इस विधेयक को 18 अगस्त को पेश किए जाने के बाद संसदीय समिति के पास भेजा गया था। इस विधेयक में विभिन्न कानूनों के तहत छोटे अपराधों से संबंधित 288 प्रविधानों को गैर-आपराधिक बनाने का प्रस्ताव है ताकि जीवन की सुगमता को बढ़ावा दिया जा सके और व्यापार के माहौल में सुधार किया जा सके। इससे पहले, 2023 में भी इसी तरह का जन विश्वास कानून लाया गया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।