Cancer: संसदीय समिति ने कैंसर को अधिसूचित बीमारी घोषित करने की सिफारिश की, कहा- बनाया जाए कोविन जैसा पोर्टल
टाटा मेमोरियल सेंटर के इस सुझाव से संसदीय समिति सहमत है कि कैंसर को निश्चित तौर पर अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाना चाहिए ताकि कैंसर से होने वाली मौतों की सूचना सरकारी तंत्र को अनिवार्य रूप से मिल सके।

नई दिल्ली, एजेंसी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने कैंसर को अधिसूचित बीमारी घोषित करने की सिफारिश की है। ऐसा करने से कैंसर से होने वाली मौत की जानकारी सरकारी तंत्र को देना कानूनी रूप से जरूरी होगा। इससे डाटा संग्रह में आसानी होगी। राज्यसभा के सभापति को सोमवार को सौंपी अपनी 139वीं रिपोर्ट में सपा सांसद राम गोपाल यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा है कि अधिसूचित बीमारी में शामिल नहीं होने की वजह से कैंसर से होने वाली मौतों की कम रिपोर्टिंग होती है।
अधिसूचित बीमारी वह बीमारी होती है जिसके बारे में सरकारी तंत्र को सूचना देना कानूनी तौर पर अनिवार्य होता है। समिति ने यह भी कहा है कि मौत के वास्तविक कारण का स्पष्ट नहीं होना, डाटा संग्रह में बड़ी बाधा है। समिति को यह भी बताया गया है कि अधिकतर मामलों में मौत के वास्तविक कारणों को बताने की जगह सिर्फ दिल का काम करना बंद कर देना बता दिया जाता है।
समिति का मानना है कि अस्पताल की सूचना प्रणाली में मौत का सही डाटाबेस होने से कैंसर के मामलों को दर्ज करने, फालो अप और अंतिम आंकड़ों को सुधारने में मदद मिलेगी।
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इसलिए समिति टाटा मेमोरियल सेंटर के इस सुझाव से सहमत है कि कैंसर को निश्चित तौर पर अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाना चाहिए, ताकि कैंसर से होने वाली मौतों की सूचना सरकारी तंत्र को अनिवार्य रूप से मिल सके। समिति ने कैंसर के मामलों के रजिस्ट्रेशन, वास्तविक समय पर डाटा संग्रह, काउंसलिंग इत्यादि के लिए कोविन जैसा एक पोर्टल बनाने की सिफारिश भी की है।
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