कोरोना काल में इसलिए बजवाई गई थाली, 'परीक्षा पे चर्चा' में PM मोदी ने किया खुलासा
पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में कोरानकाल का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि कोरानाकाल में मैंने देशवासियों से ताली थाली बजाने को कहा। हालांकि यह कोरोना को खत्म नहीं करता लेकिन एक सामूहिक शक्ति को जन्म देता है। पहले खेल के मैदान में हमारे लोग जाते थे। कभी कोई जीतकर आता है तो कई जीतकर नहीं आता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Pariksha Pe Charcha 2024। पीएम मोदी ने आज देश के छात्रों उनके अभिभावकों और शिक्षकों के साथ परीक्षा पर चर्चा की। बोर्ड परीक्षा में बच्चे बिना किसा मानसिक तनाव के शामिल हों, इसके लिए पीएम मोदी ने कई गुरुमंत्र भी दिए। 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कई चीजों का जिक्र किया। गौरतलब है कि चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने कोरोनाकाल का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कोरोनाल काल को किया याद
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोराना काल में मैंने देशवासियों से ताली थाली बजाने को कहा। हालांकि, यह कोरोना को खत्म नहीं करता लेकिन एक सामूहिक शक्ति को जन्म देता है। पहले खेल के मैदान में हमारे लोग जाते थे। कभी कोई जीतकर आता है तो कई जीतकर नहीं आता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा,पहले कोई नहीं पूछता था, लेकिन मैंने कहा कि मैं इसके ढोल पीटूंगा। जिसके पास जितना सामर्थ्य है, उसका सही उपयोग करना चाहिए। अच्छी सरकार चलाने के लिए इन समस्याओं के समाधान के लिए भी आपको नीचे से ऊपर की तरफ सही जानकारी और गाइडेंस आना चाहिए।
पीएम ने छात्रों से आगे कहा कि कितनी भी मुश्किल आ जाए, आपको कभी भी घबराना नहीं है। उसका सामना करना है और जीतकर निकलना है।
परीक्षा की तैयारी को लेकर पीएम ने क्या कहा
पीएम ने कहा कि परीक्षा देते वक्त छात्र पेपर देखते ही तनाव में आ जाते हैं। बच्चे सोचने लगते हैं कि पहले उसे पेपर मिला मुझे कम समय मिलेगा या इसमें ज्यादा समय लग गया पहले कोई और प्रश्न करना चाहिए था।
पीएम ने कहा कि सबसे पहले बच्चों को पूरा पेपर पढ़ना चाहिए, फिर मन से तय कीजिए किस प्रश्न में कितना समय लगेगा तो वैसे ही उत्तर देने चाहिए।
पीएम ने टीचर्स को क्या सुझाव दिए
वहीं, छात्रों को अलावा पीएम मोदी ने टीचर्स को भी कुछ टिप्स दिए। पीएम ने कहा कि टीचर और छात्र में एक बॉन्डिंग होनी जरूरी है और उनमें दोस्ती का नाता रहना जरूरी है। पीएम ने कहा कि टीचर का काम जॉब बदलना नहीं, छात्रों की जिंदगी को बदलना है और उसे संवारना है।
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